देश के हर नागरिक के लिए यह गर्व का दिन : डॉ. रोहित कुमार
हजारीबाग : जीएम महाविद्यालय इचाक में संविधान दिवस शनिवार को मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. रोहित कुमार और जीएम कॉलेज के प्रभारी पंकज कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्रों पर माल्यार्पण का कार्यक्रम का शुभारंभ किया।।
मौके पर डॉ. रोहित कुमार ने कहा कि आज ही के दिन को राष्ट्रीय संवैधानिक दिवस और राष्ट्रीय कानून दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है। दरअसल 26 नवम्बर 1949 को संविधान को अपनाया गया था और राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया गया था। इसलिए हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। लगभग 200 सालों की गुलामी के बाद जब भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था तब उसके बाद अपना संविधान नहीं था। आज सारे क्रियाकलाप इसी संविधान के तहत संचालित होते हैं।
उन्होंने कहा कि यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। देश के हर नागरिक के लिए यह गर्व का दिन है। देश का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमारा यह कर्तव्य है कि हमलोग इस उत्सव को पूरे जोश के साथ मनाएं। हमें देश के कानून का पालन करने और संविधान में दिए गये मौलिक कर्तव्यों को निभाने का भी संकल्प लेना चाहिए। साथ ही मौलिक अधिकारों का आनंद लें।
राजनीति विज्ञान के शिक्षक सह महाविद्यालय प्रभारी पंकज कुमार ने संविधान दिवस के अवसर पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम पूरी तरह से आजाद महसूस कर रहे है तो यह भारतीय संविधान का देन है। हमारे संविधान के द्वारा हमे छ: मौलिक अधिकार प्राप्त है जिसके द्वारा हम सभी नागरिकों का अधिकार दिलाने का कार्य भारतीय संविधान करता है।
संविधान दिवस के इस शुभ अवसर पर सभी शिक्षकों ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि देश का अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनने से न सिर्फ संविधान का मकसद पूरा होगा बल्कि संविधान निर्माताओं के सपनों के राष्ट्र का निर्माण होगा। मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने महिलाओं के अधिकार पर एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक रत्नेश कुमार राणा ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक कुमारी ज्योति, अनुभा रंजन, दीपक प्रसाद, रियाज अहमद, अजीत हंसदा, अजय उरांव, आशीष पांडे, संगम कुमारी, गायत्री शर्मा, विनोद कुमार मेहता, राज कुमार, कृष्ण कुमार मेहता, प्रिया कुमारी, सुनीता टोप्पो, संजय प्रजापति सहित कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा।