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राज्य के संस्थानों से 10 वीं और 12 वीं पास की बाध्यता खत्म

Jharkhand staff selection commission की नियुक्ति नियमावली 2021 के विरुद्ध याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

रांंची: झारखंड हाईकोर्ट से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की 2021 नियुक्ति नियमावली को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया है। नियुक्ति में सामान्य वर्ग के लिए 10 वीं और 12वीं झारखंड के संस्थान से करने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा बाहर के संस्थानों से पास की है, वे भी जेएसएससी और जेपीएससी की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की 2021 नियुक्ति नियमावली के विरुद्ध दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाया है। जिसमें नियमावली को संविधान की मूल भावना और समानता के अधिकार के खिलाफ भी बताते हुए इस नीति के तहत हुई नियुक्ति और नियुक्ति के लिए जारी सभी विज्ञापनों को भी रद्द कर दिया है।

न्यायालय ने आदेश में कहा है कि सरकार की नीति मे झारखंड के संस्थान से ही 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी करने की बाध्यता संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन है।

वहीं सरकार ने क्षेत्रीय भाषा से हिंदी और अंग्रेजी को हटा दिया और उर्दू, ओड़िया और दूसरी भाषाओं को शामिल किया है। लेकिन ऐसा करने का कोई आधार नहीं बताया गया है और ना ही सरकार ने इसके लिए कोई सर्वे ही किया है।

वहीं झारखंड हाई कोर्ट के इस फैसले पर सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल भाजपा के झारखंड प्रदेश नेताओं ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए सरकार पर तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के तहत असंवैधानिक निर्णयों से झारखंड की जनता को भ्रमित करने का आरोप लगा रहे हैं। 

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