आक्रोशित लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का किया घेराव

• टीकाकरण में लापरवाही का लगाया आरोप

• सड़क पर भी जमकर किया हंगामा

रामगढ़: पतरातू में तीन माह के बच्चे की संदिग्ध स्थिति में हुई मौत के बाद शुक्रवार को पतरातू प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल काटा। बच्चे के शव के साथ सड़क पर प्रदर्शन करते हुए लोग स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर और कर्मियों पर  लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गये।

मृतक बच्चे अभिराज के पिता बबलु साव, पतरातू बाजार टांड़ निवासी ने बताया कि गुरुवार को सामुदायिक टीकाकरण किया जा रहा था। जहां उनके तीन माह के पुत्र अभिराज को पेंटा-2 का टीका लगाया गया। रात भर बच्चा ठीक रहा। लेकिन शुक्रवार की सुबह उसके नाक-मुंह से खून निकलने लगा। बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने बच्चे की मौत की पुष्टि कर दी।

मामले में बबलु साव ने एएनएम पर टीकाकरण में बड़ी अनियमितता और लापरवाही का आरोप लगाया है। लोगों के अनुसार नौ माह के बच्चे को दिया जानेवाला टीका तीन माह के बच्चे को लगा दिया गया है। जिससे बच्चे की मौत हुई है। वहीं हंगामे के की जानकारी पर पतरातू अंचलाधिकारी शिवशंकर पांडेय ने स्वास्थ्य केंद्र पहुंच घटना की जानकारी ली। वहीं मामले की सूचना पर पतरातू थाना प्रभारी रघुनाथ सिंह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। इस दौरान बच्चे की मौत से आक्रोशित लोग सड़क पर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए रांंची-पतरातू मेन रोड को भी जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों में काफी गहमागहमी भी हुई। मामले पर वार्ता के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया। हंगामे के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जवाबदेह अधिकारी मौजूद नहीं थे।

भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप लगाते दिखे लोग

पतरातू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। स्वास्थ्य केंद्र को लेकर भ्रष्टाचार और मनमानी के गंभीर आरोप लगाये जा रहे हैं। प्रदर्शन करते लोगों की मानें तो स्वास्थ्य केंद्र के कुछेक डॉक्टर और एएनएम कमीशनखोरी के लालच में पतरातू के एक बड़े अस्पताल को लाभ पहुंचाने में दिन-रात लगे हुए हैं। जबकि केंद्र में अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। लोगों का कहना है कि निर्धारित समय पर अस्पताल में न डॉक्टर दिखते हैं और न ही एएनएम। केंद्र में स्वास्थ्य सेवा बदहाल रख मरीजों को निजी अस्पताल ले जाया जाता है। जहां अस्पताल प्रबंधन मोटी कमाई कर रहा है और मरीज पहुंचाने के एवज में परोक्ष रूप से बड़ी कमीशनखोरी की जा रही है। इसके पीछे स्वास्थ्य केंद्र के एक चिकित्सक का सीधा संबंध उक्त निजी अस्पताल से बताया जाता है। 

वार्ता में नहीं बनी सहमति

घटना को लेकर प्रखंड मुख्यालय में वार्ता हुई। जिसमें पतरातू प्रखंड विकास पदाधिकारी हरिनाथ महतो, सीओ शिवशंकर पांडेय, पतरातू एसडीपीओ वीरेंद्र चौधरी, थाना प्रभारी रघुनाथ सिंह, जिला पार्षद राजाराम प्रजापति, पतरातू मुखिया गिरजेश कुमार, कटिया मुखिया किशोर कुमार, विधायक प्रतिनिधि कृष्णा साव सहित कई गणमान्य और स्थानीय लोग शामिल रहे। बताया जाता है कि वार्ता का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल सका।

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