74th Van Mahotsav organized in Bhurkunda Panchayat74th Van Mahotsav organized in Bhurkunda Panchayat

भुरकुंडा पंचायत में वन विभाग ने लगाये 700 पौधे

विधायक अंबा प्रसाद और डीएफओ नीतीश कुमार हुए शामिल

रामगढ़: पंचायत सचिवालय परिसर में गुरुवार को 74वें वन महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार और संचालन आरएफओ एके चौधरी ने किया। महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि अंबा प्रसाद शामिल हुई। इससे पूर्व उनके आगमन पर उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में जिप उपाध्यक्ष रीता देवी, प्रखंड प्रमुख कौशल्या देवी, मुखिया अजय पासवान, पूर्व जिप उपाध्यक्ष दर्शन गंझू सहित अन्य शामिल रहे।

वन विभाग की ओर से बुके देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। राजकीय मध्य विद्यालय की बच्चियों ने स्वागत गीत से अतिथियों का अभिनंदन किया। वहीं स्थानीय कलाकारों द्वारा ढोल-नगाड़ों के साथ लोक संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया। इसके उपरांत दीप प्रज्जवलित कर वन महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया गया।

स्वागत संबोधन में मुखिया अजय पासवान ने वन विभाग का आभार प्रकट करते हुए कहा कि भुरकुंडा पंचायत में 74वां वन महोत्सव का आयोजन हर्ष का विषय है। वन विभाग के द्वारा पंचायत में 700 पौधे लगाये जा रहे हैं। पंचायत के लोग भी अपने घर और आसपास एक पेड़ अवश्य लगायें। साथ ही वन विभाग द्वारा लगाये जा रहे पौधों की रक्षा भी जरुर करें।

पतरातू क्षेत्र में दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य: डीएफओ

वन प्रमंडल पदाधिकारी नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड हरा भरा है और इसे क्षरण से बचाना है। पतरातू प्रखंड भी हरा-भरा है, लेकिन यहां कई माईंस है। माइंस से पर्यावरण पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ रहा है। विकास और प्रकृति के बीच द्वंद चलता रहेगा।  प्रकृति और विकास के बीच तालमेल रहे इसके लिए वन विभाग सतत प्रयास किया जा रहा है। पतरातू में दो लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए लॉन्ग टर्म योजना पर वन विभाग काम कर रहा है। प्रयास किया जाएगा कि पतरातू प्रखंड क्षेत्र के सभी बंद खदानों की भराई कर पौधरोपण किया जाए।

सुअवसरों पर पौधे लगाने की आदत डालें : विधायक

महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि प्रकृति हमें काफी कुछ सिखाती है। हम सभी प्रकृति का एक हिस्सा हैं। फैक्ट्रियों, कल-कारखानों द्वारा कार्बन डाइ ऑक्साइड फैलता है। क्षेत्र में पेड़-पौधे कम होते जा रहे हैं। पेड़ पौधे लगाने की संस्कृति कम हो चली है। शादी-व्याह सहित अन्य अवसरों पर पेड़ लगाने की आदत जरूर डालें। प्रकृति को बचाना बेहद जरूरी है।आज दिल्ली और आसपास बाढ़ के हालात हैं और यहां मॉनसून में भी बारिश नहीं हो रही है। पेड़-पौधों के अभाव में मौसम बेमौसम हो रहा है। कंपनियां आती है और पेड़-पौधे हटा देती है। महुआ चुननेवाले लोग भी जंगलों में आग लगा देते हैं।  अगर हम प्रकृति और जंगल के जीव जंतुओं से प्रेम नहीं करते तो हमारा होना ही व्यर्थ है। हम अपने आसपास जितना हरा-भरा माहौल रखेंगे उतना ही हमारा स्वास्थ्य और पर्यावरण ठीक रहेगा।

मौके पर वन विभाग के संतोष कुम शर्मा, संतोष कुमार टोप्पो, अनिल कुमार, उत्तम कुमार, शैलेंद्र कुमार सिंह, ब्रजेश पंडा, लगनू राम, शंकर राम सहित पंचायत सहित आसपास कई लोग मौजूद थे।

By Admin

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