हजारीबाग: जन सेवा परिषद हजारीबाग एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में केरेडारी प्रखंड के एक्सीलेंट पब्लिक हाई स्कूल गर्रीकलां में बाल विवाह, बाल मजदूर मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत बाल विवाह, बाल यौन उत्पीडन एवं बाल तस्करी के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाया गया।
मौके पर कम्युनिटी सोशल वर्कर मेघनाथ महतो ने कहा कि बाल विवाह का सीधा असर न केवल लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी होता हैं। जिस लड़की की शादी कम उम्र में हो जाती है, उसके स्कूल से निकल जाने की संभावना बढ़ जाती है तथा उसके कमाने और समुदाय में योगदान देने की क्षमता कम हो जाती है। उसे घरेलू हिंसा तथा एचआईवी / एड्स का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 को एक नवम्बर 2007 से लागू किया गया। इसमें बाल विवाह करना या करवाना संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है। जो माता-पिता अपने पुत्र पुत्रियों का बाल विवाह करवाते है तो उन्हें 2 वर्ष का कारावास व 1 लाख रुपयों का दंड देने का प्रावधान है।
वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुलदीप कुमार ने कहा कि तस्करी के शिकार ज्यादातर बच्चे गरीब और अशिक्षित परिवारों से होते हैं जहां बच्चे अपने परिवार को आय के लिए सहारा देते हैं, वे शायद ही कभी स्कूल जाते हैं। ऐसे बच्चों को उच्च मजदूरी के लालच में जालसाजों द्वारा बरगलाया जाता है और सस्ते मजदूरी के लिए उद्योगों में काम करने के लिए दूसरे ठिकानों पर पहुंचाया जाता है या कुछ रकम में बेच दिया जाता है। युवा लड़कियों को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है और यौन संगठनों में काम का माहौल ऐसा है जो बच्चे की मानसिक वृद्धि को रोकता है। लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया जाता है और उन्हें शिक्षा के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी पीड़ितों को अमानवीय जीवन यापन, गरीब आहार और स्वच्छता, शारीरिक शोषण और पिटाई का अनुभव होता है और उन्हें बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल के अधिकार से वंचित किया जाता है। उनमें से कुछ का उपयोग अंग व्यापार के लिए किया जाता है, अन्य कार्यस्थल पर घायल हो जाते हैं। यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों में अवांछित गर्भधारण, यौन संचारित रोग, संक्रमण और गर्भपात का खतरा होता है। कुछ बच्चों को भीख मांगने के लिए अंधा करने के लिए उन पर एसिड डाला जाता है क्योंकि वे अधिक पैसा कमाते हैं। ऐसी काम करने की स्थिति में पीड़ितों का जीवन हमेशा खतरे में रहता है।
इस दौरान छात्र-छात्राओं को बाल विवाह, बाल मजदूर, बाल यौन उत्पीड़न, बाल तस्करी के विरूद्ध शपथ दिलाया गया। मौके पर मुख्य रूप से सहायक शिक्षक भुनेश्वर राणा, प्रताप कुमार चौहान, रॉकी कुमार पासवान, ऋतु राज मोरिया, संगीता कुमारी, सुबोधरा कुमारी, प्रियंका कुमारी, मनीषा कुमारी, सुनैना कुमारी, ललिता कुमारी, अनिता कुमारी, सोनाली कुमारी, विपिन कुमार, शत्रुघ्न कुमार, अजय कुमार,
अमित कुमार, मुकेश कुमार, मिथुन कुमार, राज किशोर कुमार सहित कई छात्र छात्राएं मौजूद थे।

