रामगढ़: उपायुक्त रामगढ़ माधवी मिश्रा के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान अंतर्गत रामगढ़ जिला के कारागार में रह रहे कैदियों को टीबी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से टीबी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान कारागार के सभी कैदियों की टीबी की जांच की गई।
मौके पर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. स्वराज ने टीबी मुक्त भारत के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि भारत को 2025 तक टीबी मुक्त कराना है। जिसमें सभी की जन भागीदारी सुनिश्चित हो इस हेतु टीबी के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डॉ स्वराज ने टीबी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि टीबी का बैक्टीरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक हवा के माध्यम से फैलता है और यह हमारे फेफड़े को प्रभावित करता है। साथ ही शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित कर सकता है। अगर समय से व्यक्ति टीबी का इलाज नहीं कराया गया तो वह अपने आस-पास के कम से कम 10-15 स्वस्थ्य लोगों को संक्रमित कर सकता है।
इसलिए अगर किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण जैसे दो हफ्ते से अधिक खांसी, सप्ताह बुखार आना, भूख ना लगना, वजन कम होना,बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द होना, मधुमेह रोग तथा एचआईवी से संक्रमित होना इत्यादि हो तो उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में बलगम की जांच करानी चाहिए। टीबी की जांच एवं इलाज पूर्ण: निशुल्क है।
वहीं उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि टीबी के मरीजों को निश्चय पोषण योजना अंतर्गत हर माह 500 रुपये दिए जाते हैं इसके अतिरिक्त जिला टीबी विभाग के प्रयास से निक्षय मित्र द्वारा पोषण युक्त सामग्री पैकट भी दिया जाता हैं। आज भी समाज में टीबी को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं लोग बीमारी को छुपाते है। डॉ. स्वराज ने बताया कि हमारे ज़िले में टीबी जांच हेतु सीबीनेट,टूनेट एवं माइक्रोस्कोपी एवं एक्सरे कि सुविधा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में निशुल्क उपलब्ध है। जिससे मरीजों का जांच कर समय से इलाज हो सके। कार्यक्रम के दौरान जेलर, जेल के सभी कर्मियों एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित अन्य उपस्थित थे।

