इरफान ‘बौरा’ गये हैं, कांग्रेस-जेएमएम के लिए आदिवासी सिर्फ वोट बैंक: आशा लकड़ा
रांची: कांग्रेस और जेएमएम कभी आदिवासियों की हितैषी नहीं हो सकती। इन्होंने हमेशा को लूटने और बांटने का काम किया है। मैं आदिवासी महिला हूँ और मुझे आदिवासी होने का गर्व है। मैं आदिवासी समाज से आव्हान करती हूँ कि कांग्रेस-जेएमएम नेताओं के चेहरे पर पड़े नकाब को निकाल फेंके। यह बाते भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़़ा ने गुरुवार को प्रदेश मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विधानसभा सत्र में जमाताड़ा के कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी द्वारा आदिवासी समाज पर की गई टिप्पणी पर आशा लकड़़ा ने तल्ख तेवर के साथ कांग्रेस-जेएमएम पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयास से झारखंड अस्तित्व में आया है। झारखंड राज्य के लिए आदिवासी समाज ने खून-पसीना बहाया है, तब झारखंड ने अस्तित्व पाया है। आज जामताड़ा के कांग्रेसी विधायक विधानसभा के सत्र में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को इंगित कर कहते हैं कि “आदिवासी कब से समझदार होने लगे”।
आशा लकड़़ा ने आगे कहा कि इरफान अंसारी की स्थिति पागल जैसी है। स्थानीय भाषा में कहें तो इरफान अंसारी बौरा गये है। कभी तिलक लगाते हैं, कभी लाल चुनरी ओढ़ते है और आदिवासी समाज को लेकर अनर्गल टिप्पणी करते हैं।
भाजपा राष्ट्रीय सचिव आशा लकड़़ा ने कहा कि कांग्रेस की सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और उनके एक्सींडेटल अध्यक्ष को आदिवासियों के गौरवशाली इतिहास की जानकारी नहीं है। इस लिए आदिवासी समाज के खिलाफ अपने विधायक को अनर्गल बयानबाजी के लिए छोड़ रखा है।
कहा कि इरफान अंसारी को राज्य के वीर शहीदों भगवान बिरसा मुंडा, सिद्दो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो सहित तमाम स्वंतत्रता सेनानियों के बलिदान को समझने की जरूरत है। आज आदिवासी समाज हर क्षेत्र में योगदान दे रहा है। हर क्षेत्र में आदिवासी समाज के लोग देश और राज्य का नाम रौशन कर रहे हैं।
आशा लकड़ा ने कहा कि कांग्रेस-जेएएमएम आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझते हैं। राज्य के लोग इनके चाल, चलन और चरित्र को भलि-भांति समझ चुके है। इनके नेता चेहरे पर नकाब लगाकर आदिवासियों को ही छल रहे है।