बड़कागांव: प्रखंड अंतर्गत चोपदार बलिया पंचायत के खरॉटी में गन्ना कृषक गोष्ठी का आयोजन शनिवार को किया गया। प्रखंड तकनीकी प्रबंधक बड़कागांव ने कृषकों को कहा कि गन्ने की खेती में रोगों, कीटों व खरपतवारों के नियंत्रण एवं उर्वरक प्रबंधन में एकीकृत प्रबंधन व नियंत्रण प्रणाली अपनाई जानी चाहिए और किसानों को अधिक उपज लेने के लिए गन्ने के बीज का चुनाव, बीज उपचार, खेत की तैयारी, बिजाई का तरीका, उर्वरक प्रबंधन, खरपतवार प्रबंधन, रोगों व कीटों के नियंत्रण व सिंचाई प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अगर उन्हें इनके बारे में गहन जानकारी होगी तो सही दवाई व उर्वरकों का उचित मात्रा में जरूरत के समय पर ही प्रयोग किया जा सकेगा जो उन्नत खेती के लिए अति आवश्यक है।

कृषि सलाहकार ने खेती में उपयोग किया जा रहे अत्यधिक रसायनों से भूमि स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्परिणाम से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि रासायनिक दवाइयां व उर्वरकों के न्याय संगत प्रयोग नहीं किए जाने से मृदा की उर्वरा शक्ति में भारी कमी हो रही है। सूक्ष्म पोषक तत्वों व कार्बनिक पदार्थ साल दर साल घटते जा रहे हैं और यदि ऐसा ही खेती में चलता रहा, तो सभी आवश्यक पोषक तत्व जो फसल के लिए जरूरी है, उसे फसल उत्पादन में प्रयोग करना ही पड़ेगा अन्यथा उत्पादन नहीं लिया जा सकेगा, जो रसायनों से भरपूर भी होगा व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी और मिट्टी का स्वरूप भी बंजर हो जाएगा। उन्होंने इसके बचाव हेतु उचित फसल चक्र, फसल विविधीकरण, फसल अवशेषों का भूमि में मिलाया जाना, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन, कीट एवं रोग प्रबंधन, दलहनी व हरी खाद वाली फसलों का समावेश तथा पशु जनित गोबर खाद का खेती में प्रयोग के माध्यम से मृदा की बिगड़ती दशा को सुधारा जा सकता है।

मौके पर मुख्य रूप से रिंकी कुमारी, सावित्री देवी, नगीना कुमारी, रूबी देवी, चंचला देवी, सुलेखा कुमारी, राजेश कुमार, सुमन देवी, दुलारी देवी, सुनीता देवी, सरिता देवी, बुधनी देवी, कंचन देवी, आशा देवी, कुंती देवी, माधुरी देवी, शोभा देवी, कविता देवी, द्रोपती देवी, सीमा कुमारी, मुनिता कुमारी, कंचन देवी, सुमति देवी, तारमाती देवी, रविंद्र महतो, अजय कुमार वर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।

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