रामगढ़: भुरकुंडा नलकारी नदी तट स्थित घठ मंदिर के निकट आयोजित सात दिवसीय श्री श्री सूर्य षष्ठी महायज्ञ सोमवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। महायज्ञ के अंतिम दिन देवी-देवताओं का आव्हान किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञाचार्य पद्मनाभ दास जी महाराज के मार्गदर्शन में हवन किया गया। पूजा पर यजमान विनोद दूबे, अशोक तिवारी और गोपाल करमाली सपत्नीक पूजा पर बैठे। वहीं मंडप में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन कुंड में हवन कर आहूति दी। पूर्णाहुति के उपरांत आरती की गई। इसके साथ देवी-देवताओं को पुष्पांजलि दी गई। तीनों यजमानों ने सपत्नीक छठ माता मंदिर, सूर्य मंदिर और गंगा माता मंदिर में अर्चना कर मंगलकामना की। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवा रंग से सरोबार यज्ञ स्थल में आस्था और भक्ति की बयार बहती रही। इसके साथ ही महायज्ञ विधि-विधान से संपन्न हो गया।
अवसर पर पद्मनाभ दास जी महाराज ने कहा कि भगवान से यही प्रार्थना है कि क्षेत्र और क्षेत्र के लोगों पर कृपा बनाएं रखें और कमेटी के लोगों को इतना सामर्थ्य और बल दे कि आगे भी यज्ञ का इस प्रकार सफलतापूर्वक आयोजन करते रहें। वहीं महायज्ञ के उपरांत यज्ञाचार्य ने स्थापित कलश का नलकारी नदी में विसर्जन कराया। इसके साथ ही सभी श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के रूप में खीर का वितरण किया गया।
अयोध्या से आए आचार्यों के मार्गदर्शन में संपन्न हुए अनुष्ठान
विभिषण कुंड, अयोध्या धाम के आये आचार्य पद्मनाभ दास जी महाराज के मार्गदर्शन में महायज्ञ संपन्न हुआ। सहयोगियों में गोपाल जी, सुधांशु जी, मोहित शुक्ला जी, अमित जी, प्रवीण तिवारी जी, गोविंद जी शामिल रहे। वहीं 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक संध्या में किशोरी निर्वाणी दूबे द्वारा कथा वाचन किया गया।
महायज्ञ को सफल बनाने में इनका रहा योगदान
सात दिवसीय महायज्ञ को सफल बनाने में यज्ञ कमेटी के संजय मिश्रा, संजय वर्मा, संजीत राम, दीपक कुमार, सतीश सागर, शशि सागर, रवि दीप, विजय कुमार, अमृत कुमार, विक्रम, योगेंद्र करमाली, कुमार आलोक, राजन राउत, संजय यादव, उपेंद्र शर्मा, अजय पासवान, दीपक भुइयां, विजय, शंकर, डब्लू पांडेय, राजगीरी, सुशील सिंह, विक्रम, विक्की, सौरव, सुदीप, मधुकर, गुरदयाल ठाकुर, श्रीनिवास अग्रवाल, डीके पंडित, अप्पू मिश्रा, उपेंद्र शर्मा, उत्तम सिन्हा, रमाकांत दूबे, विक्की कुमार, प्रतीक सिंह, भाष्कर सिंह, मधुकर सिंह, सुदीप सिंह, सौरभ पासवान सहित क्षेत्रवासियों का अहम योगदान रहा।