रांची: सावन माह की सोमवारी पर पहाड़ी मंदिर के मुख्य द्वार पर होनेवाली संध्या महाआरती को लेकर रविवार को मंदिर प्रांगण में बैठक हुई। बैठक में आयोजन की तैयारियों पर चर्चा की गई। इस दौरान आयोजक नंद किशोर सिंह चंदेल ने कहा कि यह लगातार चौथा वर्ष है जब पहाड़ी बाबा की श्रवण महीने में हर सोमवारी संध्या महा आरती पहाड़ी मंदिर के मुख्य द्वार पे भव्य तरीकों से होगी। बैठक की गई और बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि। हर साल के भांति इस साल भी संध्या 5:00 महाआरती के बाद खीर महाभोग का प्रसाद वितरित किया जाएगा शहर के तमाम पहाड़ी बाबा के भक्तगणों को इस भव्य संध्या महाआरती में सादर आमंत्रित किया जाएगा साथ ही हर सोमवारी को अलग-अलग तरीकों से भव्य संध्या महाआरती की जाएगी।
बैठक में सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया कि दूसरे सोमवारी यानी की दिनांक 21 जुलाई समय सुबह 6:00 बजे स्वर्णरेखा नदी से लेकर पहाड़ी बाबा के महाकाल मंदिर रिले रेस की तरह भोले की दौड़ का भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें की तमाम भोले के भक्तों को सम्मानित भी किया जाएगा। यह सबसे आकर्षक कार्यक्रम होगा पूरे झारखंड का।
सावन के चार सोमवार पर होने वाले कार्यक्रम
पहली सोमवारी पर 14 जुलाई को भगवान शिव, माता पार्वती और भूत पिचास के स्वरूप के सात पहाड़ी बाबा के सभी भक्तगण भव्य संध्या महाआरती पहाड़ी बाबा की करेंगे और उसके बाद खीर महाभोग का प्रसाद वितरित किया जाएगा। दूसरी सोमवारी पर 21 जुलाई को सुबह 6:00 से भोले की दौड़ का भव्य आयोजन स्वर्ण रेखा नदी से पहाड़ी बाबा के महाकाल मंदिर तक और संध्या 5:00 बजे महाआरती भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ और उसके बाद खीर महाभोग का प्रसाद वितरण। तीसरी सोमवारी पर 28 जुलाई को राधा कृष्ण स्वरूप में भव्य संध्या महाआरती पहाड़ी बाबा की और उसके बाद खीर महाभोग का प्रसाद वितरित किया जाएगा। चौथी सोमवारी पर 4 अगस्त को नवदुर्गा के स्वरूप में फूलों से भव्य संध्या महा आरती और उसके बाद महा भंडारा का भव्य आयोजन होगा जिसमें की हजारों की संख्या में भक्त सम्मिलित होंगे।
ये रहे उपस्थित
बैठक में संध्या देवी, गीता देवी, सविता देवी, अमूल्य सिंह,विनय सिंह,टी के मुखर्जी, धनराज कुमार, जितेंद्र यादव, धीरज यादव, अमित राय, अविनाश कुमार, सागर कुमार सिंह, विकाश सिंह, बिट्टू सिंह, प्रसिद्ध ओझा, सूर्यकांत सिंह, विक्रांत कुमार सिंह, सकलदीप सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।