भारत को विकसित देश बनाने के लिए सभी एक साथ आगे बढ़ें : अमित शाह
रांची: शहर के होटल रेडिसन ब्लू में गुरुवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई। जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य सहित परिषद के सदस्य राज्य बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के सचिव और वरीय अधिकारी मौजूद रहे। बैठक का आयोजन केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत अंतर-राज्यीय परिषद सचिवालय और झारखंड सरकार के सहयोग से किया गया। बैठक में बिहार और झारखंड राज्य के बीच कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की परिसंपत्तियों और देनदारियों के बंटवारे से संबंधित लंबित मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा करते हुए उनके समाधान की दिशा में आपसी सहमति से निर्णायक कदम उठाए गए। साथ ही मसानजोर बांध, तैयबपुर बैराज और इंद्रपुरी जलाशय से जुड़े लंबित जटिल मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही,
बैठक में अमित शाह ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत प्रधानमंत्री मोदी का विजन है। भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सभी को मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की परिकल्पना सहकारी संघवाद का एक मज़बूत आधार बनाने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषद के माध्यम से हम केंद्र और राज्यों के बीच तथा राज्यों के बीच के मुद्दों को काफी हद तक सुलझाने में सफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच कुल 25 क्षेत्रीय परिषद बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2025 के बीच यह संख्या 63 तक पहुच गई। हम औसतन 6 बैठकें प्रति वर्ष करने लगे हैं। कहा कि इन बैठकों में कुल 1580 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें से 1287, यानी 83 प्रतिशत मुद्दों का समाधान हो चुका है। मोदी सरकार में क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 83 प्रतिशत मुद्दों का समाधान होना इन बैठकों के महत्व को दर्शाता है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पूर्वी राज्यों को तीन नए आपराधिक कानूनों को शीघ्र लागू करने की दिशा में और प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में मादक पदार्थों के मामले में भी और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। जिसके लिए जिला स्तरीय एनसीओआरडी बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए। गृहमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के सहयोग से हम 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे। वहीं बैठक के दौरान पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, शहरी नियोजन और सहकारी प्रणालियों को मजबूत करने पर भी बल दिया गया।