उरीमारी नॉर्थ माइंस को पर्यटन स्थल के रूप में किया जाएगा विकसित
रांची: झारखंड सरकार ने माइनिंग टूरिज्म की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। देश में पहली बार कोयले की ओपन कास्ट माइंस को पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। प्रोजेक्ट भवन में सोमवार को झारखंड पर्यटन विकास निगम और सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (CCL) के बीच माइनिंग टूरिज्म को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। अवसर पर झारखंड सरकार के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और सीसीएल के सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
यह समझौता फिलहाल पांच वर्षों के लिए हुआ है। पहले चरण में सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र की उरीमारी नॉर्थ माइंस (हजारीबाग) को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस टूरिज्म सर्किट के साथ रामगढ़ जिले पतरातू डैम, पलानी झरना और रांची जिले के तिरु फॉल को भी जोड़ा जाएगा। झारखंड पर्यटन विकास निगम माइनिंग पर्यटकों की बुकिंग करेगा। जबकि सीसीएल पर्यटन के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
माइनिंग टूरिज्म में पर्यटकों को माइंस में होते खनन कार्य की गतिविधियों को करीब से देखने और समझने का अवसर मिलेगा। झारखंड सरकार की इस पहल से जहां पर्यटकों को माइनिंग टेक्नोलॉजी और पर्यावरणीय प्रबंधन की विस्तृत जानकारी मिलेगी, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
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