उरीमारी (हजारीबाग): आदिवासी छात्र संघ कार्यालय उरीमारी में गुरुवार को शोक सभा का आयोजन कर दिवंगत शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गई। शोक सभा में दिवंगत शिबू सोरेन की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
शोक सभा में विस्थापित नेता दसई मांझी ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने आदिवासी और मूल निवासियों को सूदखोरों और महाजनों के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए लंबे समय तक कठिन संघर्ष कियि। झारखंड को अलग राज्य बनाने में उनकी अग्रणी भूमिका रही थी। उनके द्वारा किए गए कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न की उपाधि दी जाए।
शोक व्यक्त करने वालों में मुख्य रूप से कार्तिक मांझी, सुखू मांझी, कृष्णा सोरेन, तालो हंसदा, मनोज सिंह, शिकारी टुडू, सिकंदर सोरेन, विनोद सोरेन, सुबीतराम किस्कू, सुखदेव किस्कू, सोमरा पावरिया, अनिल मुर्मू , सुरेश प्रजापति, सुरेंद्र करमाली, बुधन करमाली, विनोद करमाली, प्रदीप किस्कू, खेमलाल बेसरा, बिहारी मांझी, बिरजू पावरिया, मजूमदार किस्कू, भोला किस्कू, मोती मांझी, रोशन किस्कू, सूर्यांशु बेसरा, देवन्द बेदिया उपस्थित थे।