कुरमी समाज का “रेल टेका-डहर छेका”आंदोलन |
स्टेशन पर जुटी रही भीड़, रेल परिचालन रहा ठप
रामगढ़: कुरमी समाज के पूर्व घोषित आंदोलन “रेल टेका-डहर छेका” आंदोलन का बरकाकाना स्टेशन पर व्यापक असर देखा गया। जहां हजारों की संख्या में पहुंचे कुरमी समाज के महिलाओं और पुरुषों ने अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर सुबह से देर शाम तक प्रदर्शन किया। पूरे दिन रेल पटरी और प्लेटफार्म पर लोग जुटे रहे और रेल परिचालन बाधित रखा। आंदोलन के कारण बरकाकाना से गुजरनेवाली लगभग सभी यात्री ट्रेनें और दर्जनों मालगाड़ियों का परिचालन रद्द करना पड़ा या फिर रूट परिवर्तित कर परिचालन किया गया। आंदोलन से रेलवे को करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
सुबह तकरीबन 08:00 बजे बरकाकाना स्टेशन के समक्ष रेल प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को धता बताते हुए कुरमी समाज के लोग स्टेशन में प्रवेश कर गए। यहां पटरी पर बैठ लोगों ने जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही कुरमी समाज के लोगों का जुटान शुरू हो गया। देखते-देखते सैंकड़ों की भीड़ हजारों की संख्या में तब्दील हो गई। रामगढ़ जिला के अलावा बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र और आसपास के क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग छोटे-बड़े वाहनों पर झंडा-बैनर, ढोल-नगाड़े के साथ पहुंचे। बरकाकाना स्टेशन सहित पार्किंग एरिया में लोगों का दिनभर जमावड़ा लगा रहा। प्लेटफार्म पर ढोल-नगाड़े की थाप पर लोग झूमते भी देखे गए। वहीं रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आंदोलन करते लोगों को समझाने-बुझाने का भी प्रयास किया, लेकिन लोग मांग पर अड़े रहे। रात नौ बजे खबर लिखे जाने तक बड़ी संख्या में लोग स्टेशन में डटे रहे।
कुरमी समाज की मांग जायज, मिले पूरा अधिकार : रोशन लाल चौधरी
आंदोलन में शामिल रहे बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी ने रेल पटरी पर बैठ समाज की मांग के पक्ष में नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि कुरमी समाज की मांग जायज है और समाज के लोग लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठा रहे हैं। कुरमी समाज को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध कर लोगों को पूरा अधिकार और सम्मान दिया जाना चाहिए। वहीं आंदोलन में शामिल रामगढ़ की पूर्व विधायक सुनीता चौधरी ने कहा कि कुरमी समाज के लोग पहले अनुसूचित जनजाति ही थे। 1931 में हमें सूची से बाहर कर दिया गया। समाज के लोग जागृत हो रहे हैं और अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारी रहे मुस्तैद
आंदोलन के मद्देनजर रेल और जिला प्रशासन के अधिकारी स्टेशन परिसर में जुटे रहे। जगह-जगह आरपीएफ, जीआरपी, जैप और जिला पुलिस बल के जवान तैनात रहे। वहीं पतरातू अंचलाधिकारी मनोज कुमार चौरसिया, एसडीपीओ पतरातू गौरव गोस्वामी, प्रशिक्षु डीएसपी फौजान अहमद सहित कई थाना और ओपी के प्रभारी और पुलिस कर्मी मुस्तैद रहे।
बरकाकाना स्टेशन पर यात्री रहे परेशान
आंदोलन को लेकर बरकाकाना स्टेशन पर गहमागहमी की स्थिति बनी रही। रेल परिचालन ठप होने से यात्रियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। डालटेनगंज जाने के लिए स्टेशन पहुंची यात्री बबीता देवी ने बताया कि आंदोलन की जानकारी नहीं थी, यहां आकर हम लोग फंस गए हैं। ट्रेन चलने पर ही रवाना हो सकेंगे। वहीं खलारी जानेवाले यात्री आलोक दुबे ने कहा कि पास में ही खलारी जाना है। लेकिन ट्रेन नहीं चलने से परेशानी झेलनी पड़ रही है।
आंदोलन में ये रहे शामिल
आंदोलन में आजसू नेता मनोज कुमार महतो, संतोष बंसरिआर, गिरीशंकर महतो, पनेश्वर महतो, धनेश्वर महतो, चिंतामणि महतो, मनोज कुमार महतो, सुरेंद्र महतो, महेंद्र महतो, विशेश्वर महतो, संतोष महतो, धर्मवीर महतो, अनिल महतो, सुनील महतो, धर्मवीर महतो, शनि महतो, रमेश महतो, गोकुल महतो , धनेश्वर महतो, चिंतामणि महतो, भीम महतो, भागीरथ महतो, दुलेल महतो, प्रीति दीवान, लीलावती देवी, रेणु देवी, बबीता देवी, प्रीति कुमारी, रेणु कुमारी, सीता कुमारी, गुड़िया महतो, रूपा महतो, सुषमा महतो सहित कई लोग मौजूद थे।