खुली खदान में हाईवाल का हिस्सा ढहने से कर्मी पोकलेन और हाइवा समेत मलबे में दबे
• घायल पोकलेन ऑपरेटर अस्पताल में भर्ती
• मुआवजे को लेकर परियोजना कार्यालय में हुई वार्ता
रामगढ़: सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत उरीमारी परियोजना के ओपन कास्ट माइंस में शनिवार की रात भीषण दुर्घटना में आउटसोर्सिंग कंपनी आशीर्वाद के दो कर्मियों की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि एक कर्मी घायल हो गया। मिली जानकारी के अनुसार उरीमारी परियोजना के ओपन कास्ट माइंस में आउटसोर्सिंग कंपनी के फायर साइट पर शनिवार की शाम में ब्लास्टिंग की गई थी। जिसके बाद से ओबी का उठाव कर डंपिंग प्वाइंट भेजा जा रहा है। इस क्रम में रात तकरीबन 09:45 बजे हाईवाल का एक बड़ा हिस्सा स्लाइड कर गया। जिससे भारी-भरकम चट्टान और मलबा ओबी हटाते पोकलेन मशीन और एक हाइवा पर गिर गया। इस दौरान काम में लगे पोकलेन मशीन ऑपरेटर विनोद कुशवाहा, हाइवा चालक सुनील यादव और डंपमैन राजू पासवान चट्टानों और मलबे में दब गए। हादसे में सुनील यादव और राजू पासवान की दर्दनाक मौत हो गई। जबकि गंभीर रूप से घायल विनोद कुशवाहा को आनन-फानन में उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।

दुर्घटना के बाद पोकलेन मशीन की सहायता से चट्टानों और मलबे को हटाकर मृतक कर्मियों के शव निकालने की कवायद शुरू की गई। मृतक सुनील यादव का शव दो हिस्सों में बरामद किया गया। वहीं मृतक राजू पासवान का क्षत-विक्षत शव को पूरी तरह से बरामद करने की कोशिश घंटों जारी रही।

मुआवजे और नौकरी को लेकर हुई वार्ता
दुर्घटना को लेकर उरीमारी परियोजना कार्यालय में प्रबंधन, यूनियन प्रतिनिधि और गणमान्य लोगों की मौजूदगी में मुआवजे पर वार्ता हुई। एक्स ग्रेसिया, वर्कमैन कंपनसेशन और इंश्योरेंस के कुल भुगतान मिलाकर मृतक सुनील यादव के परिजनों को तकरीबन 80 लाख और राजू पासवान के परिजनों को तकरीबन 75 लाख रुपए मुआवजा और मृतकों के एक आश्रित को आउटसोर्सिंग कंपनी में नौकरी देने पर सहमति बनी। वार्ता में उरीमारी परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार, विंध्याचल बेदिया, संजीव बेदिया, राजू यादव, सोनाराम मांझी, संजय करमाली, महादेव बेसरा, विश्वनाथ मांझी, हरिनाथ महतो धर्मदेव करमाली, मोहम्मद हसन, विवेक कुमार सहित श्रमिक संगठनों के अन्य लोग शामिल थे।
काला कोयला हो रहा ‘लाल‘ सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र में खान सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है। ‘जय सुरक्षा’ के गगनभेदी उद्घोष के बीच सुरक्षा का शपथ भी दोहराया जा रहा है। इधर आउटसोर्सिंग कंपनी के दो कर्मियों की दर्दनाक मौत और टुकड़ों में मिलते उनके शरीर धरातल के यथार्थ की ओर इशारा कर रहे हैं। सुरक्षा को लेकर संजीदगी का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इस आउटसोर्सिंग माइंस के ठीक पास ही डिपार्टमेंटल माइंस में बीते 24 सितंबर को एक दुर्घटना में सीसीएल कर्मी की जान चली गई थी। जबकि एक महिला कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। बहराल, सिस्टम से गायब होती जवाबदेही और प्रगति की ‘गारंटी’ में दुर्लभ होती कार्रवाई से समझा जा सकता है कि कामगारों की सुरक्षा और सुरक्षित कार्यस्थल को लेकर असल में कितनी गंभीरता बरती जा रही है। |
