• स्ट्रॉबेरी की फसल बनी लोगों के बीच चर्चा का विषय
• पांच एकड़ में टमाटर की बंपर पैदावार से बढ़ा मुनाफा
हजारीबाग: झारखंड के किसान कृषि को नये आयाम दे रहे हैं। जहां मेहनत और सूझबूझ से अच्छी फसल की पैदावार बढ़ रही है, वहीं आधुनिक तकनीकी और नयी जानकारी लेकर कम जमीन पर अधिक उपज प्राप्त कर रहे हैं।
ऐसे ही एक किसान है हजारीबाग जिला के फतहा निवासी विदेशी कुमार दांगी। जिनकी स्ट्रॉबेरी की खेती आसपास के इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग आकर न सिर्फ खेती की जानकारी ले रहे हैं, बल्कि ताजे स्ट्रॉबेरी का स्वाद भी चख रहे हैं।
स्ट्रॉबेरी का उत्पादन आसान नहीं है लेकिन सही जानकारी होने पर इसकी खेती की जा सकती है और कम जमीन पर भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार में स्ट्रॉबेरी का थोक मूल्य फिलहाल 250 से 300 रूपये प्रति किलो बताया जाता है। उचित देखभाल से एक पौधे से छह माह के भीतर लगभग एक किलोग्राम फसल प्राप्त हो जाती है।
किसान विदेशी बताते हैं कि एकबार पौधे मंगाने के बाद आगे नया पौधा खुद भी तैयार किया जा सकता है। बताते हैं कि खाद-पानी और पौधे में लगनेवाली सामान्य बिमारियों और उनकी दवाओं की समझ होने से स्ट्रॉबेरी की खेती कर किसान काफी मुनाफा कमा सकते हैं।
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विदेशी दांगी पांच एकड़ में टमाटर की खेती करते हैं और प्रत्येक वर्ष सात से 10 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं। इन दिनों पांच एकड़ में लाल, पीले और हरे टमाटर की फसल लहरा रही है। फसल अब तैयार हो रही है और फसल की तुड़ाई कर बाजार में भेजा जा रहा है।
वे बताते हैं कि 2016 से उन्होंने टमाटर के खेती की शुरुआत की। बीच में कोरोना के दौरान खराब हुई स्थिति अब सुधर रही है। कहते हैं कि लंबे और अंडाकार टमाटर की बाहर के राज्यों में डिमांड ज्यादा है। यह जल्द खराब नहीं होते हैं और दूर दराज के इलाकों तक भेजे जा सकते हैं। टोमैटो सॉस बनाने वाली कंपनियां भी इन टमाटरों को खरीदती हैं, जिससे नुकसान कम और फायदे की संभावना ज्यादा रहती है।
विदेशी दांगी कहते हैं कि खेती बहुत पेचीदा काम नहीं है। प्रोपर प्लानिंग के साथ मेहनत करने पर फायदा ही फायदा है। जोखिम तो हर व्यवसाय में रहता है। सूझबूझ और जानकारी लेकर खेती करने वाले लोग आज अच्छी कमाई कर रहे हैं।