बड़कागांव: प्रखंड अंतर्गत पोटंगा पंचायत के नीमटोला भुरकुण्डवा में सरहुल पर्व धूमधाम से मनाया गया। नायके, हुन मांझी द्वारा सरना स्थल में विधिवत रूप से पूजा किया गया।
प्राकृतिक देवी देवता को पूजा स्वरूप सिम बोंगा (मुर्गा-मुर्गी) की बली की गई एवं गांव की खुशहाली, जल, जंगल, जमीन की रक्षा की प्रार्थना की गई। प्राकृतिक पर्व बाहा के अवसर पर मांझी हड़ाम मोतीलाल मांझी, पाराणिक हड़ाम धनशान मांझी, कुडम नायके चोपे मांझी एवं जोगवा हड़ाम दाहा मांझी द्वारा सरना स्थल में विधिवत रूप से पूजा- अर्चना किया गया।
वहीं ग्रामीणों के बीच सखुआ फूल व प्रसाद स्वरूप सोड़े का वितरण किया गया। सभी ग्रामीण पारंपरिक संथाली वेशभूषा पहन कर मांदर की थाप पर नृत्य कर हर्षोल्लास के साथ प्राकृतिक पर्व बाहा के प्रति अपनी खुशी व्यक्त किया गया।
मौके पर मांझी हड़ाम मोतीलाल मांझी ने कहा कि हम आदिवासियों के लिए सरहुल पर्व सबसे बड़ा पर्व है। जहां हम आदिवासी सीधे तौर पर प्रकृति की उपासना करते हैं और प्रकृति की देखरेख में ही हम अपना जीवन यापन करते हैं।
उन्होंने कहा कि हम आदिवासी अपनी सभ्यता, संस्कृति, रीति रिवाज को आगे बढ़ाएं और अपने घर के छोटे बच्चों को इससे रूबरू करायें। जिससे की आगें चलकर वह बच्चें अपनी सभ्यता, संस्कृति और रीति रिवाज को आगे बढ़ा सकें।
मौके पर मुख्य रूप से विश्वनाथ मांझी, झनाराम सोरेन, विनोद हेम्ब्रोम, साहेबराम बेसरा, राजकुमार हेम्ब्रोम, सुधन मांझी, हाकिम मांझी, दिनेश टुडू, पंकज हेम्ब्रोम, डांगाराम बेसरा, अघनु मांझी मोहन मांझी, बसन्त मांझी, महेश वेसरा, मनोज हेम्ब्रोम, राजू हेम्ब्रोम, संजय टेम्ब्रोम, आनन्द बेसरा, तुलसी बेसरा, तनाड़ी माझी, लीलमुनी देवी, डोरको देवी, शकुंतला देवी, मैनो देवी, कपूरमुनी देवी ममता देवी, तालमुनी देवी कुरामा देवी सरिता देवी, सोहमती देवी, मंति देवी तिलेश्वर टुडू, सनी देवी सहित कई लोग मौजूद थे।
