विभिन्न ट्रेड में मिलेगा कौशल प्रशिक्षण, JSLPS का प्रयास
रामगढ़: झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) के प्रयास से जिले के 8 प्रतिभाशाली ग्रामीण युवाओं का चयन दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए हुआ है। इन युवाओं को अब न केवल रोजगारपरक प्रशिक्षण प्राप्त होगा, बल्कि उनके लिए रोजगार के नए अवसरों के द्वार भी खुलेंगे। JSLPS द्वारा संचालित इस अभियान में पतरातू प्रखंड से 4, गोला प्रखंड से 2, मांडू प्रखंड से 1 और रामगढ़ सदर से 1 अभ्यर्थी का चयन हुआ है। इन सभी को बाजार की मांग/जरूरत के अनुसार तैयार किए गए विभिन्न रोजगार ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें सिलाई मशीन, कंप्यूटर ऑपरेटर, रिटेल, इलेक्ट्रिशियन और वेयरहाउस (लॉजिस्टिक्स) जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
चयनित युवाओं को जिन प्रशिक्षण संस्थानों में भेजा जाएगा, वे राज्य और देश स्तर पर ख्यातिप्राप्त हैं। इनमें प्रमुख तौर पर मैट्रिक्स (Matrix), विज़न (Vision), सेफएजुकेट (Safeducate) संस्थान शामिल हैं। इन प्रशिक्षण केंद्र पर अभ्यर्थियों को आधुनिक तकनीक, प्रायोगिक कार्य और रोजगार से जुड़ी बारीकियों की जानकारी देंगे। जिससे वे 3 महीने का प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद आत्मविश्वास के साथ कार्यक्षेत्र में कदम रख सकें।
योजना का उद्देश्य और लाभ
JSLPS के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं को उद्योग और सेवा क्षेत्र में आवश्यक कौशल प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत 18 से 35 वर्ष के युवाओं को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण, भोजन, वर्दी, अध्ययन सामग्री, यात्रा भत्ता और प्रशिक्षण के बाद नौकरी दिलाने की सुविधा प्रदान की जाती है।
उन्होंने यह भी बताया कि 3 महीने का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद चयनित अभ्यर्थियों को राज्य के अंदर और राज्य के बाहर के विभिन्न शहरों और प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार दिलाने के लिए JSLPS द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा, इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान व्यक्तित्व विकास, समय प्रबंधन, टीमवर्क और संचार कौशल जैसे विषयों पर भी मार्गदर्शन दिया जाएगा, जिससे वे बेहतर ढंग से कार्यस्थल की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
स्थानीय युवाओं से JSLPS की अपील
अवसर पर JSLPS ने जिले के अन्य युवाओं से भी अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाएं। आज के समय में केवल डिग्री या प्रमाणपत्र पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि कौशल प्रशिक्षण से ही रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना जैसे कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर हैं, जिनके माध्यम से वे न केवल रोजगार पा सकते हैं बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त बन सकते हैं।