ओलचिकी को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग

रामगढ़: आदिवासी सेंगेल अभियान रामगढ़ जिला कमेटी ने सोमवार को रामगढ़ जिला मुख्यालय के निकट एक दिवसीय धरना दिया। जहां संथाली भाषा (ओलचिकी) को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की गई। धरना के क्रम में महामहिम राज्यपाल के नाम उपायुक्त को ज्ञापन ज्ञापन सौंपा गया।

आदिवासी सेंगेल अभियान से जुड़ी नमिता टुडू ने कहा कि हेमंत सरकार संथाल समाज की अनदेखी करती आ रही है। राज्य के झामुमो नेता आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक समझ रहे हैं, उनके विकास के लिए कोई भी कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। बड़ी आबादी की भाषा होने के बावजूद ओलचिकी को राज्य सरकार प्रथम राजभाषा का दर्जा नहीं दे रही है।

नमिता टूडू ने कहा कि राज्य सरकार संथाली भाषा को अविलंब प्रथम राजभाषा घोषित करे। जिससे संथाल समाज का विकास हो,  समाज के आम लोगों को सरकारी योजनाओं और सरकार की नीतियों जानने समझने सुविधाओं हो और लोग उनका सही रूप से लाभ उठा सके। संथाल समाज के छात्र-छात्राओं को पढ़ने-लिखने और आगे बढ़ने में सुविधा हो।

धरना में विजय टुडू, उलेश्वरी हेम्ब्रम, शांति देवी, अमित रंजन हंसदा बाजुन हंसदा, चेतलाल मांझी, बुधन मांझी, अकला हंसदा, मुंशी टुडू, सरकार हेम्ब्रम, आशा टुडू, सूरजमुनी कुमारी, मीना मुर्मू, मनीता हेंब्रम, पूनम सोरेन, ममता हेंब्रम सहित अन्य मौजूद थे।

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