आदिवासी-मूलवासी को अधिकार दे रही राज्य सरकार: चंपई सोरेन
पलामू: आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा झारखंड की पहचान है। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद से यहां के आदिवासी और मूलवासियों का सपना रहा है कि कैसे अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा हो सके। आज हेमंत सरकार राज्य के आदिवासी-मूलवासी को मान सम्मान और अधिकार दे रही है। उन्हें रोजगार और शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। यह बातें सूबे के समाज कल्याण और परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने शनिवार को पलामू में कही।
वे शिवाजी मैदान में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा केंद्रीय समिति द्वारा आयोजित सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इससे पूर्व उनके आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
वहीं सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 23 वर्ष के शासनकाल में भाजपा ने राज्य को पीछे धकेलने का काम किया है। इसलिए जनता ने भारी बहुत देकर हेमंत सरकार को चुना है। सरकार की कल्याणकारी योजनाएं धरातल पर दिख रही हैं।
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सम्मेलन में मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा आदिवासी संस्कृति को नष्ट करती आ रही हैं। जबकि वर्तमान सरकार राज्य की तस्वीर बदल रही है। आज राज्यवासियों के सपने साकार हो रहे हैं।
वहीं स्वागत भाषण में केंद्रीय उपाध्यक्ष त्रिपुरारी सिंह चेरो ने कहा कि आज राज्य में आदिवासियों की पहचान, उनके जल जंगल जमीन को नष्ट किया जा रहा है। राज्य सरकार को इस ओर ठोस और कारगर कदम उठाना चाहिए।
सम्मेलन में जयप्रकाश मिंज, सुनील किस्पोट्टा, प्रताप सिंह चेरो, चेतु सिंह खरवार, ज्योति लकड़ा, अजय सिंह चेरो, कबूतरी देवी, कविता कुमारी सिंह, विनय सिंह चेर, सुरेंद्र सिंह चेरो, रामखेलावन सिंह चेरो, भोला सहित कई लोग मौजूद रहे।