रामगढ़: भुरकुंडा बाजार में मेन रोड की यातायात व्यवस्था को लेकर भुरकुंडा पुलिस के प्रयास और निर्देश निरर्थक साबित हो रहे हैं। यहां अमूमन हर दिन और एक दिन में कई दफा सड़क जाम की स्थिति बन रही है। जिससे आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां जाम की समस्या उत्पन्न करने में ऑटो चालक भरपूर भागीदारी निभा रहे है। भुरकुंडा बाजार में ऑटो चालक व्यस्त सड़क पर सवारी बिठाते और उतारते दिखते हैं। यही नहीं, भरे बाजार सड़क पर वाहन लगाकर तब तक सवारियों की बाट जोहते हैं, जब तक जाम की स्थिति न बन जाए या फिर अन्य वाहनों के चालकों से नोंक झोंक न हो जाए। यह स्थिति गाहे-बगाहे लगभग रोजाना ही देखी जा सकती है।

इसके अलावा भुरकुंडा बाजार में मेन रोड पर अक्सर रईसजादे भी अपनी कार और एसयूवी सड़क पर ही खड़ी कर खरीदारी करने निकल जाते हैं। जिससे जाम की समस्या उत्पन्न होती है। विवाद में पड़ने के भय से आम लोग और दुकानदार विरोध करने से कतराते हैं और परेशानी चुपचाप झेलते हैं। वहीं दुकानों के सामने मेन रोड पर पिकअप और टैंपो खड़ा कर काफी देर तक सामान लोड-अनलोड करने से भी जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। सड़क के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएं तो ट्रैफिक व्यवस्था में सेंधमारी करते लोगों की मनमानी और कारगुजारियां सामने आ सकती है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि भुरकुंडा-पतरातू स्टैंड से लेकर जनता टॉकीज तक अमूमन यह रोज का हाल है। समझाने पर ऑटो चालक बात अनसुनी कर देते हैं, या फिर उल्टा उलझ पड़ते हैं। जिससे आए दिन जाम की परेशानी से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। लोगों की मानें तो सड़क पर खड़े दिखते ऑटो और अन्य वाहनों पर कड़ाई से रोक लगनी चाहिए।
हालांकि भुरकुंडा पुलिस ने बाजार में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रयास भी किए हैं। इसके साथ ही ओपी में बैठक कर और जमीनी स्तर पर अभियान चलाकर भी निर्देश दिए गए है। बावजूद इसके भुरकुंडा बाजार जाम की समस्या से मुक्त नहीं हो सका है। बहराल, सिर्फ अपनी रोजी-रोटी या अपनी सुविधा के लिए दूसरों के लिए असुविधा उत्पन्न करना कहां तक सही है, इसपर मंथन करने की जरूरत है।