Birth anniversary of freedom fighter Tilka Manjhi, celebrated with simplicity in Urimari.

बड़कागांव: विस्थापित समिति के द्वारा बिरसा परियोजना कार्यालय के समीप बाबा तिलका मांझी चौक में स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका मांझी की जयंती रविवार को मनायी गई। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि जीवनधारा, हेंदेगीर, सौन्दा डी परियोजना पदाधिकारी रामेश्वर मुंडा, विशिष्ट अतिथि दसई मांझी, कार्तिक मांझी, दिनेश करमाली, सुखू मांझी उपस्थित थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि जीवनधारा, हेंदेगीर, सौन्दा डी परियोजना पदाधिकारी रामेश्वर मुंडा, विशिष्ट अतिथि दसई मांझी, कार्तिक मांझी, दिनेश करमाली, सुखू मांझी के द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।

मौके पर मुख्य अतिथि परियोजना पदाधिकारी रामेश्वर मुंडा ने कहा कि बाबा तिलका मांझी ने स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई लड़ी थी। जिसमें बहुत कम ही उम्र में ही अंग्रेजी हुकूमत की जड़े दिला दी थी।

वहीं विस्थापित नेता दसई मांझी ने कहा कि बाबा तिलका मांझी का जन्म 11 फ़रवरी 1750 ई. में हुआ था। 1771 से 1784 तक उन्होंने ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध लंबी और कभी न समर्पण करने वाली लड़ाई लड़ी और स्थानीय महाजनों-सामंतों व अंग्रेजी शासक की नींद उड़ाए रखा।1784 में तिलका मांझी ने क्लीवलैंड को मार डाला। बाद में आयरकुट के नेतृत्व में तिलका मांझी की गुरिल्ला सेना पर जबरदस्त हमला हुआ जिसमें कई लड़ाके मारे गए और तिलका को गिरफ्तार कर लिया गया। कहते हैं उन्हें चार घोड़ों में बांधकर घसीटते हुए भागलपुर लाया गया। पर मीलों घसीटे जाने के बावजूद वह पहाड़िया लड़ाका जीवित था। खून में डूबी उसकी देह तब भी गुस्सैल थी और उसकी लाल-लाल आंखें ब्रिटीश राज को डरा रही थी। भय से कांपते हुए अंग्रेजों ने तब भागलपुर के चौराहे पर स्थित एक विशाल वटवृक्ष पर सरेआम लटका कर उनकी जान ले ली। 13 जनवरी 1785 को हजारों की भीड़ के सामने तिलका मांझी हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए।

मौके पर मुख्य रूप से दसई मांझी, कार्तिक मांझी, दिनेश करमाली, सुखू मांझी, रैना मांझी, खेपन मांझी, सुरेश मुर्मू, जुगल करमाली, तुलसी उरांव, नकुल प्रजापति, संतोष प्रजापति, कृष्णा सोरेन, तालो हांसदा, सिकंदर सोरेन, शिकारी टुडू, मनोज सिंह, भादो करमाली, जितेंद्र यादव, परमेश्वर सोरेन, लालजी पवारिया, राजू पवारिया, विनोद सोरेन, तुलसी बेदिया, सुरेंद्र हांसदा, सत्यनारायण बेदिया, सोमरा पवारिया, बरियत किस्कू, सुरेश प्रजापति, सुखलाल मांझी, खेमलाल मांझी, सुशील सोरेन, बसंत सोरेन, पुरन टुडू, रामलाल बेदिया, धनलाल बेदिया, सहदेव टुडू, अनिल मुर्मू, प्रदीप किस्कू, अजय बेसरा, देवा उरांव, दीपक मरांडी, राजेश कुमार, दिनेश टुडू, राजकुमार साव, मुकेश साव, शिबू ठाकुर, होरिल प्रजापति, शिवा उरांव, प्रेम पवारिया, दिनेश मुंडा, प्रदीप कुमार, विजय पासवान सहित कई लोग मौजूद थे।

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