BJP submits memorandum and video to ED, demands probeBJP submits memorandum and video to ED, demands probe

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से जुड़ा है वीडियो

रांची। झारखंड भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को क्षेत्रीय प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय पहुंचकर क्षेत्रीय प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। साथ ही वरिष्ठ आईएस अधिकारी राजीव अरूणा एक्का से जुड़ा एक वीडियो भी सौंंपा है।

ज्ञापन में लिखा गया है कि यह वीडियो क्लिप झारखंड की इस सरकार में दलाली एवं बिचौलियागिरी करने वाले विशाल चौधरी के अरगोड़ा के निकट स्थित प्राइवेट कार्यालय का है। जो व्यक्ति इस प्राइवेट कार्यालय में बैठकर सरकारी कागजातों/ फाइलों पर दस्तखत करते नजर आ रहा रहे हैं। वे झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव और राज्य के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन जैसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विभाग के अलावा और कई विभाग के भी प्रधान सचिव थे।

वीडियो में जो महिला बगल में खड़ी होकर फाईल साईन करवा रही हैं। वे कोई सरकारी कर्मचारी नहीं बल्कि विशाल चौधरी का प्राइवेट इम्पालई बतायी जा रही है। बगल से जिसकी आवाज सुनाई दे रही है वो विशाल चौधरी की आवाज बतायी गयी है, जो अपने महिला कर्मचारी से किसी से पैसे आने नहीं आने के बारे में पूछ रहा है। महिला कर्मचारी के कहने पर संभवतः विशाल किसी को फोन लगाकर उसी पैसे का तगादा कर रहा है।

ज्ञापन में कहा गया है कि कई लोगों ने बताया है कि राजीव अरूण एक्का के प्रभार वाले सारे विभागों की वैसी महत्वपूर्ण, मालदार एवं संवेदनशील फाईलें सचिवालय से निकाल कर सीधे विशाल चौधरी के प्राइवेट कार्यालय में पहुंचा दी जाती थी।जिनमें मोटी रकम वसूली करने का स्कोप होता था । फिर विशाल फोन कर लाभान्वितों से पैसे वसूलता था, तब एक्का साहब विशाल के कार्यालय में जाकर वहीं पैसे वसूले जा चुके संचिकाओं पर हस्ताक्षर करते थे।

भाजपा की ओर से कहा गया है कि मामले की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि राज्य के मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव गृह, कारा जैसे सबसे संवेदनशील विभाग के भी प्रभार में रहे हैं। यह गलत कार्य राज्य और देश की सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है। आशंका है कि एक्का ने अपने इस गैर कानूनी काम से इस दलाल के मार्फत बड़े पैमाने पर पैसे की वसूली कर मनी लांड्रिंग की है।

वहीं गृह विभाग सीधे मुख्यमंत्री के अधीन है। ये मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी थे। ऐसे में मुख्यमंत्री के यहाँ निर्णय के लिये जाने वाली तमाम संचिकाएँ भी इस अधिकारी के माध्यम जाती थी। ऐसी संचिकाएं दलाल के प्राइवेट कार्यालय बिना मुख्यमंत्री की जानकारी के पहुँच रहा हो, ये कैसे संभव है ? निश्चित रूप से विशाल चौधरी के मार्फत वसूली का हिस्सा मुख्यमंत्री जी तक भी पंहुच रहा होगा, जो गहन जाँच का विषय है।

ज्ञापन में आगे कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने पद और गोपनीयता की जो शपथ ली है, उनके तत्कालीन प्रधान सचिव का यह खतरनाक काम उस गोपनीयता शपथ का भी उल्लंघन है। ऐसे में तो गृह विभाग की गोपनीय एवं बेहद संवेदनशील सूचनाएँ भी उग्रवादियों, आतंकवादियों एवं अपराधियों तक दलाल के मार्फत पहुंच रहे होने की संभावना से कैसे इंकार किया जा सकता है।

भाजपा की ओर से कहा गया है कि विशाल चौधरी एवं राजीव अरुण एक्का में गहरे रिश्ते हैं। दोनों ने मिलकर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई करते हुए रांची सहित देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशों में भी कई अवैध सम्पत्तियां अर्जित की है। अतः विशाल चौधरी से इस संबंध में अविलम्ब कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए। संलग्न वीडियो क्लीप के आलोक में इस गोरखधंधे से हुए मनी लॉड्रिंग के मामले एवं अवैध कमाई में शामिल लोगों की जाँच कर कठोर कार्रवाई करें।

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