स्टेशन चौक पर चलाया गया अभियान, स्थानीय दुकानदारों में छायी मायूसी
रामगढ़: अतिक्रमण पर गरजता प्रशासन का बुलडोजर और गिरती दरो-दीवारों के साथ जमींदोज होती कुछ लोगों की उम्मीदें…कहीं ड्यूटी निभाने की जद्दोजहद, तो कहीं बिखरे मलबे से जरूरत के सामान तलाशती नम आंखें। बरकाकाना स्टेशन चौक पर बुधवार को यही नजारा रहा। जहां आखिरकार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया और शाम तक तकरीबन 65 दुकान और मकान ध्वस्त कर दिए गए। अभियान के लिए नियुक्त दंडाधिकारी पतरातू सीओ मनोज कुमार चौरसिया के नेतृत्व में हनुमान मंदिर से फुटबॉल मैदान की ओर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। अभियान के मद्देनजर बड़ी संख्या में जिला पुलिस, जैप, आरपीएफ और आरपीएसएफ के जवानों की तैनाती की गई। दोपहर 01 बजे से देर शाम तक बरकाकाना स्टेशन चौक और आसपास सैंकड़ों लोगों की भीड़ जुटी रही और कौतूहल का माहौल बना रहा। इस दौरान आरपीएफ इंस्पेक्टर टीएस अहमद, बरकाकाना ओपी प्रभारी उमाशंकर वर्मा , भदानीनगर ओपी प्रभारी अख्तर अली, पुलिस अवर निरीक्षक परिक्षित महतो सहित रेलवे के अधिकारी मौजूद थे।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान स्थानीय दुकानदार और उनके परिजन नम आंखों से प्रशासनिक कार्रवाई देखते रहे। इस दौरान स्थानीय महिलाएं अधिकारियों से थोड़ी और मोहलत देने की गुहार भी लगाती दिखीं। दूसरी तरफ अभियान को लेकर क्षेत्र के लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया रही। कुछ ने अतिक्रमण को असंवैधानिक और अभियान को जरूरी बताया। जबकि कुछ लोगों का कहना था कि उजाड़ने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जानी चाहिए थी। बहराल, जहां एक ओर रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण अतिक्रमण हटाओ अभियान ने एक अरसे से चल रही जद्दोजहद पर पूर्ण विराम लगा दिया है, वहीं दूसरी तरफ तकरीबन पांच दशकों से यहां दुकान चला रहे दुकानदारों के समक्ष अब जीविकोपार्जन की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। 
बताते चलें कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बरकाकाना स्टेशन का चयन हुआ है। योजना के तहत यहां स्टेशन परिसर का विस्तार सहित कई निर्माण कार्य और सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है। जिसके लिए स्टेशन चौक से पूर्व की तरफ रेलवे की जमीन पर बने दुकान-मकान हटाएं गए हैं। हालांकि रेल प्रशासन ने पूर्व में भी कई दफा नोटिस जारी कर अल्टीमेटम दिया था। कई दफा अभियान को स्थगित भी किया जाता रहा। इससे पूर्व बीते 24 नवंबर को भी अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई जानी थी। जो अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गयी थी। इधर पुनः अतिक्रमण हटाने को लेकर नोटिस जारी करते हुए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया। समयावधि समाप्त होने के बाद आखिरकार अतिक्रमण हटा दिया गया।
