श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के कार्यशाला में शामिल हुए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन

रांंची: सूबे के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सोमवार को श्री कृष्ण लोक सेवा संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यशाला में शामिल हुए। सभागार में अबुआ बीर अबुआ दिशोम अभियान के तहत Empowering Communities- Ensuring Rights, Decoding FRA- 2006 – Justice, Conservation and Challenges विषय पर कार्यशाला  का आयोजन हुआ।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि वर्ष 2006 में वन अधिकार अधिनियम बनने के बावजूद आज तक बहुत कम लोग ही वनाधिकार पट्टा ले पाए हैं। हजारों की संख्या में उनके आवेदनों को रद्द क्यों किया गया, इसे समझना और भविष्य में ऐसा ना हो, इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों की है। जान बुझ कर ऐसा करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि हम लोग यहां 2-3 डिसमिल भूमि का वनपट्टा देकर खानापूर्ति करने नहीं, बल्कि आदिवासियों एवं वन में रहने वालों को उनका अधिकार देने के लिए एकजुट हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था बनानी होगी ,जिसके तहत ये लाभुक कृषि और अन्य कार्यों द्वारा सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन कर सकें। हम सभी को मजबूत इच्छा शक्ति के साथ इमानदारी पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। जिससे यहां के आदिवासी और मूलवासियों को वनाधिकार अधिनियम के तहत लाभ मिल सकेगा।

कार्यशाला में राज्य के मुख्य सचिव एल खियांग्ते, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, विभागीय सचिव कृपानंद झा,  आदिवासी कल्याण आयुक्त अजयनाथ झा सहित कई वरीय उपायुक्त, डीएफओ और वरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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