संघीय ढांचे की मजबूती के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों का सर्वांगीण विकास हो – हेमंत सोरेन
रांची: सूबे के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बुधवार को नीति आयोग की टीम के साथ बैठक उच्चस्तरीय बैठक की। जिसमें पुराने और लंबित विषयों पर चर्चा हुई और कई नए मुद्दों को भी रखा गया। जिस पर नीति आयोग की ओर से सकारात्मक पहल करने का आश्वासन मिला।
बैठक के दौरान राज्य सरकार के द्वारा स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण क्षेत्र में चावल वितरण, वन क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ावा देने, गंगा नदी पर पुल, मनरेगा दर बढ़ाने और ऊर्जा को लेकर डीवीसी से जुड़े मामले को भी रखा गया। वहीं बैठक में कोयला मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों का जमीन अधिग्रहण को लेकर लगभग 80 हज़ार करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाना है, लेकिन मात्र 2532 करोड़ रुपए राज्य सरकार और रैयतों को मुआवजा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल कंपनियां जो भी जमीन अधिग्रहित करती है, उसका मुआवजा मिलना चाहिए, भले ही उस पर खनन कार्य शुरू नहीं हुआ हो। इस पर कोयला मंत्रालय की ओर से पक्ष रखा गया। वहीं, नीति आयोग के सहयोग से यह सहमति बनी कि कोल कंपनियां कितना जमीन अधिग्रहित कर चुकी है और कितना मुआवजा वितरित किया गया है, इसकी पूरी रिपोर्ट जल्द देगी । मुख्यमंत्री ने कोयला पर मिलने वाली रॉयल्टी बढ़ाने की मांग रखी और कहा कि राज्य सरकार को ज्यादा से ज्यादा कोल रॉयल्टी मिलनी चाहिए।
वहीं मुख्यमंत्री ने फूड सिक्योरिटी को लेकर कहा कि केंद्र द्वारा लाभुकों का जितना कोटा तय है, उससे कहीं ज्यादा लाभुकों को राशन की जरूरत है। इसलिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राशन कार्ड जारी किए हैं । लेकिन, राज्य सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए अनाज सरकार को बाजार से खरीदना पड़ता है । फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अनाज उपलब्ध नहीं कराया जाता है। ऐसे में नीति आयोग केंद्र सरकार के पास झारखंड की इस मांग को रखे कि राज्य सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए भी राज्य सरकार को एफसीआई से अनाज उपलब्ध कराया जाए।
राज्य सरकार की ओर से नीति आयोग को अवगत कराया गया कि झारखंड में साहिबगंज से रांची तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस बनाया जाना है । इसकी लागत लगभग 9 हज़ार करोड़ रुपए है। इसके अलावा राज्य में 8 नए कोरिडोर भी बनाए जाएंगे , जिसकी लंबाई लगभग 16 सौ किलोमीटर होगी। यह झारखंड के जिलों को जोड़ने के साथ दूसरे राज्यों से भी जुड़ी होगी। राज्य सरकार की ओर से ये दोनों प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए है । इस पर जल्द स्वीकृति मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा नीति आयोग की टीम से कहा कि संघीय ढांचे की मजबूती के लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्यों का सर्वांगीण विकास हो। केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे को सहयोग करें तभी विकास के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उसे हासिल कर सकें।
इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल, वरीय सलाहकार नीरज सिन्हा, सलाहकार नीलम पटेल, डॉ. अमृत कॉल पॉल, डॉ अशोक ए, डॉ थ्यागराजू, श्री सुमन सौरभ, नमन अग्रवाल और राज्य सरकार में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एल. खियांगते, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे , सचिव सुनील कुमार, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव अबू बकर सिद्दीक, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव के झा, सचिव विभ्रा, सचिव चंद्रशेखर और वन विभाग के संजय श्रीवास्तव मौजूद थे।
