• प्रबंधन के संग हुई वार्ता, आश्वासन के बाद लौटे विस्थापित 

बड़कागांव: सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत उरीमारी परियोजना को विस्थापितों ने विभिन्न मांगों को लेकर सुबह छह से उत्पादन ठप करा दिया। जानकारी के अनुसार बिरसा परियोजना का विस्तार करने को लेकर नीम टोला सहित अन्य टोला को हटाने के लिए सीसीएल प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को वंशावली बनाकर देने की बात कही जा रही है लेकिन ग्रामीण वंशावली बनाने को तैयार नहीं है।

Displaced people stopped the production of CCL Urimari project
उत्पादन ठप कराते विस्थापित ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि सीसीएल प्रबंधन हम रैयत विस्थापितों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा है प्रबंधन के द्वारा आश्वासन तो काफी बड़े-बड़े दिए जाते हैं लेकिन उस की जमीनी हकीकत कुछ और होती है। हम ग्रामीणों को बसाने से पूर्व पुनर्वास स्थल पर मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध कराया जाए ताकि हम लोग को वहां बसे तो कम से कम मुलभूत सुविधाएं जरूर हो। वर्तमान समय में सीसीएल प्रबंधन द्वारा रैयत विस्थापितों को पारगढ़ा में बसाया गया है। वहां आने जाने वाली सड़क की स्थिति काफी खराब है। जिससे रैयत विस्थापितों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीसीएल प्रबंधन हम रैयत विस्थापितों को छलने का काम ना करें अन्यथा हम रैयत विस्थापित अपने हक एवं अधिकार के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।

इधर राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन बरका-सयाल के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव के नेतृत्व में सीसीएल प्रबंधन के साथ खान प्रबंधक कार्यालय में वार्ता हुई। जिसमें सीसीएल प्रबंधन ने विस्थापितों की समस्याओं को जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। सीसीएल प्रबंधन के साथ वार्ता में आश्वासन मिलने के बाद करीब दस बजे काम शुरू हो गया।

वार्ता में सीसीएल प्रबंधन की तरफ से खान प्रबंधक यूएन प्रसाद, विजय कुमार सिंह, विजय प्रसाद, सुनील कुमार, एमपी गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, प्रवीण कुमार एवं यूनियन की तरफ से क्षेत्रीय सचिव राजू यादव, डॉ जी आर भगत, विश्वनाथ मांझी, झरी करमाली सहित कई लोग मौजूद थे। बंद कराने वाले में मुख्य रूप से कपूरमुनी देवी, डेडको देवी, सरिता देवी, रतनी देवी, रीना देवी, माइनो देवी, सरिता देवी, शकुंतला देवी, मुनिया देवी, रंधनी देवी, सुमित्रा देवी, बहामुनी, उर्मिला कुमारी, सुशीला देवी, मुनिया देवी, ललिता देवी, सुकुरमुनी देवी सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।

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