EARTH DAY Special

शिक्षक एवं पर्यावरणविद,
संस्थापक सह सचिव- विद्या सागर उच्च विद्यालय, हरली
आज औद्योगिक विकास ने पूरे विश्व के पर्यावरण को लगभग तहस-नहस कर दिया है। विकास की आपाधापी में हमारी पृथ्वी के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। वर्तमान समय में जिस गति से हमारी पृथ्वी पर अंधाधुंध वृक्षों की कटाई हो रही है, इससे हमारा पारिस्थितिक तंत्र असंतुलित हो गया है। जिसके फलस्वरूप आज हमें विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है।
इन्हीं प्राकृतिक आपदाओं को कम करने के लिए विश्व के विभिन्न देशों के भू वैज्ञानिकों का ध्यान इस ओर आकर्षित हुआ है। इसी को देखते हुए 22 अप्रैल को प्रतिवर्ष विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इस पृथ्वी दिवस को एक साथ मनाने के लिए विश्व के 192 देश आगे आए हैं।
1970 के दशक में जब पेड़ों के अंधाधुंध कटाई की जा रही थी। अधिक से अधिक औद्योगिकरण हो रहा था। अधिक से अधिक जंगलों को कटाई करके पूरी तरह से साफ किया जा रहा था उसी समय पृथ्वी के संरक्षण उद्देश्य से 1969 में सिएटल वॉशिंगटन में एक सम्मेलन हुआ जिसे हम पृथ्वी शिखर सम्मेलन की संज्ञा देते हैं।
वर्तमान में मानव जाति के समक्ष ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर समस्या पांव पसार रही है। साल दर साल उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के ग्लेशियर पिघल रहे हैं। जो भविष्य में संभावित खतरे की ओर इशारा कर रहा है। वृक्षों की कटाई से न सिर्फ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या खड़ी हो रही है, बल्कि धरती का जल स्तर भी नीचे जा रहा है। वातावरण में प्रदूषण निरंतर बढ़ रहा है। प्राकृतिक द्वारा प्रदत्त ईंधन के बेहिसाब खपत से उर्जा के स्रोत दिनों दिन कम हो रहे हैं।
पृथ्वी दिवस एक अवसर है पृथ्वी बचाने की दिशा में कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ाने का, यह अवसर है पर्यावरण की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प लेने का, यह अवसर है समय से पहले भावी समस्याओं के प्रति सचेत होने का।
पृथ्वी के संरक्षण के लिए विभिन्न देशों का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा है जिसमें:
• 1992 में ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन हुआ जिसमें 172 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । • पृथ्वी को संरक्षित करने के लिए एजेंडा 21 पारित किया गया ।
• 2020 में पृथ्वी संरक्षण का थीम क्लाइमेट एक्शन रखा गया ।
• 2020 में पृथ्वी को बचाने के लिए पृथ्वी संरक्षण का थीम हमारी धरती हमारी स्वास्थ्य रखा गया ।
Disclaimer: यह लेख लेखक के अपने निजी विचार है। लेख के तथ्यों की पुष्टि खबर सेल नहीं करता है। आप अपने विवेक से काम लें।
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