रांंची: आदिवासी समाज के प्रसिद्ध शिक्षाविद मानवशास्त्री डॉ. करमा उरांव का निधन रविवार को रांंची के मेदांता अस्पताल में हो गया। वे 72 वर्ष के थे। बताया जाता है कि वे बीते कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। चार दिन पूर्व तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हे मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. करमा उरांव सरना धर्मकोड के प्रमुख पक्षधर और आदिवासी समाज के जानेमाने शिक्षाविदों और में से थे। संयुक्त बिहार में वे बीपीएससी सदस्य और रांंची विश्वविद्यालय में डीन और मानवशास्त्र विभाग के अध्यक्ष के पद पर भी रहे।
उनके निधन पर झारखंड में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सभा सांसद दीपक प्रकाश सहित कई गणमान्य लोगों ने गहरी शोक संवेदना जताई है।