संथाल समाज दिशोम मांझी परगना का दो दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन संपन्न

• महाधिवेशन में 22 प्रस्ताव पारित किये गए

रामगढ़: भुरकुंडा क्षेत्र स्थित रीवर साइड ऑफिसर्स क्लब में संथाल समाज दिशोम मांझी परगना का पांचवां केन्द्रीय महाधिवेशन का समापन हुआ। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में संथाल समाज के महिला और पुरूप उपस्थित रहे। 

Fagu Besra elected central president of Santhal Samaj Dishome Manjhi Pargana
केंद्रीय अध्यक्ष फागु बेसरा का स्वागत करते

अवसर पर ढोल-नगाड़ो की थाप के बीच मुख्य अतिथि दिशोम मांझी हड़ाम सह दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा का स्वागत करते हुए मंच तक लाया गया। जहां पारंपारिक वेश-भूषा में संथाल समाज के महिला और पुरुषों ने नृत्य-गीत के माध्यम से उनका अभिनंदन किया। संचालन समिति के द्वारा पुनर्गठित केंद्रीय कमेटी के मंचासीन पदाधिकारियों को माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया गया। वहीं केंद्रीय कमेटी के द्वारा 51 किलो का माला पहनाकर फागु बेसरा का भव्य स्वागत किया। अवसर लोक कला पर कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। प्रस्ताव एतो बास्के ने पढ़ा। संथाल समाज दिशोम मांझी परगना केंद्रीय समिति की घोषणा आर.डी हंसदा ने किया। वहीं मंच संचालन रतिलाल मरांडी ने किया।

लोक नृत्य प्रस्तुत करती युवतियां

 केंद्रीय कमेटी का हुई घोषणा, फागु बेसरा बने अध्यक्ष

दो दिवसीय केंद्रीय महाधिवेशन में सर्वसम्मति से फागु बेसरा को लगातार पांचवीं बार दिशोम मांझी हड़ाम (केन्द्रीय अध्यक्ष) चुना गया। दिशोम मरांग परगना (केन्द्रीय महासचिव) सोनाराम मांझी, दिशोम जोगवा (केन्द्रीय कोषाध्यक्ष) एतवा बास्के, सोहोत् मांझी हडाम (केन्द्रीय उपाध्यक्ष) आर. डी. हांसदा, सोहराय किस्कू, रामेश हेम्ब्रोम, रूपन मुर्मू, विसराम मांझी, कान्दो मराण्डी, गहन बेसरा, रामचन्द्र हांसदा, जयवीर हांसदा, सूरजमुनी कुमारी सोरेन, बालकृष्ण टुडू, सोहोत् परगना (सचिव) पन्नालाल मुर्मू, नरेश सोरेन, सन्नी बेसरा, मुर्शिगलाल हांसदा, छटू हांसदा, मोहन सोरेन, संजय टुडू, सन्नी सोरेन, विरेन्द्र हांसदा, रतिलाल मराण्डी, पतिलाल मराण्डी, राजेश हांसदा, लखीराम मांझी, महेन्द्र मुर्मू, लालजी किस्कू, अजय बेसरा, राजाराम बेसरा, राजाराम मुर्मू, सोनाराम टुडू, रोयाल हांसदा, महादेव मुर्मू, रंजीत बेसरा, दासो मराण्डी, महालाल हांसदा, सीताराम किस्कू, दुर्गा हांसदा,बहादूर हांसदा, अघनुराम किस्कू, चन्द्रदेव हेम्ब्रोम, श्यामदेव सोरेन, लुदू मांझी, जीतलाल टुडू, ललीत टुडू, बाबुराम मांझी, दीपा देवी, रामकिशोर मुर्मू, सवन हांसदा, लालबिहारी हेम्ब्रोम, लीलावती हांसदा, मालो देवी, शिवजी बेसरा, शिबलाल किस्कू, धनीराम किस्कू, मनोहर मुर्मू, दिलीप हेम्ब्रोम, सोहोत् जोगवा (उपकोषाध्यक्ष) दिनेश हांसदा प्रदीप सोरेन, भुनेश्वर मुर्मू, जतरू बेसरा, पतिलाल हांसदा, बिनोद बेसरा, गुरूदयाल हांसदा, दिनेश बेसरा, लखीराम हेम्ब्रोम, सीताराम मुर्मू को सर्व सहमति से चुना गया।

कार्यक्रम में शामिल लोग

महाधिवेशन में ये प्रस्ताव हुए पारित 

1) केन्द्रीय समिति में कुल 301 सदस्य होंगे।
2) सरना धर्म कोड को लागू किया जाए।
3) संथाली भाषा को झारखंड राज्य का राज्य भाषा घोषित किया जाए।
4) ओलचीकि लिपि से संथाली भाषा की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय से उच्चतम महाविधालय में शुरू किया जाए।
5) संथाली भाषा ओलचीकि लिपि से पढ़ाई हेतू शिक्षक की नियुक्ति किया जाए।
6) ग्राम प्रधान, मांझी हडाम, पराणिक, नयके हडाम, जोगवा हडाम, कुडम नयके हडाम को अधिसूचित क्षेत्र के भांति मानदेय दिया जाए।
7) संथाल समाज का रूढ़िवादी व्यवस्था (Custmari Low) को सम्पूर्ण झारखंड में लागू किया जाए।
8) पेशा कानून को लागू किया जाए।
9) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत संथाल आदिवासियों को वन पट्टा दिया जाए।
10) गैर आदिवासी लडकों के द्वारा बहला-फुसलाकर आदिवासी लड़कियों के साथ शादी कर भूमि, नौकरी एवं अन्य आरक्षण राजनीति पद पर लाभ पर अविलम्ब रोक लगाया जाए और उससे उत्पन्न सन्तान को आदिवासी का दर्जा नहीं दिया जाए।
11) जाहेरथान सरन स्थल चाहरदिवारी (घेराबन्दी) सरकारी योजना से किया जाए।
12) प्रत्येक संथाल गांव में शादी-विवाह, पंचायती, बैसी के लिए सरकारी योजना से मांझी हाउस का निर्माण किया जाए।
13) संथाल आदिवासियों के हडप्पी भूमि वापस किया जाए।
14) देश के विकास के नाम पर आदिवासियों को विस्थापित करना बन्द किया जाए। विस्थापित हुए आदिवासियों को अधिकार दिया जाए।
15) देश के आजादी के 75 वर्षों के बाद भी संथाल आदिवासी गांव का विकास नहीं हुआ है। प्राथमिकता के आधार पर आदिवासी गांवों का विकास किया जाए।
16) संथाल गांवों में मांझी हडाम के द्वारा संथाली भाषा की पढ़ाई ओलचीकि लिपि से अनिवार्य रूप से किया जाए।
17) मांझी हडाम के यहां मंदार, डुगडुगिया अनिवार्य रूप से रखना होगा।
18) बाहा, सोहराय, करमा पर्व में पंची धौती और पंची साड़ी भेषा-भूषा में रहना होगा।
19) संथालों के सभी घरों में तीर-धनुष रखना अनिवार्य होगा।
20) बाहा, सोहराय, करमा पर्व में गांव के बच्चे, बुढे, महिला, पुरूष सभी पूजा महोत्सव में अपने भेष-भूषा में शामिल होंगे।
21) मांझीथान को सुरक्षित करने हेतू चतोम ओडाक् कच्चा /पक्का बनाया जाएगा।
22) मरणी-हरनी में कफन के बदले पैसा से ही मदद करेंगे। 

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संथाल समाज की गौरवशाली संस्कृति और रीति रिवाजों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएंगे। कु-प्रथाओं को दूर कर समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा। जल-जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष भी तेज किया जाएगा। संथाल समाज के परंपराओं से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ा जाएगा। महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वावलंबी बनाने की दिशा में कदम उठाये जाएंगे। सभी पारित प्रस्ताव को प्रमुखता से लागू कराने का काम किया जाएगा। संथाल के वीर शहीदों ने समाज के लिए जो सपना देखा था उन्हें सभी के सहयोग से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

Fagu besra

फागु बेसरा, दिशोम मांझी हड़ाम (संथाल समाज दिशोम मांझी परगना)

केंद्रीय महाधिवेशन को सफल बनाने में सोनाराम मांझी, सन्नी सोरेन, शंकर मुर्मू,लाल बिहारी हेम्ब्रोम, सन्नी बेसरा,भुनेश्वर मुर्मू, सुनिल मुर्मू, धनीराम टुडू, रंजीत मांझी, शिवलाल मुर्मू, महेश हेम्ब्रोम, राजू बेसरा, रामकुमार मांझी,महावीर मुर्मू, बिनोद हेम्ब्रोम, अजय बेसरा, पप्पु लाल मांझी, रविन्द्र सोरेन,बिरसा टुडू, लाल बहादुर मांझी, मनोज हेम्ब्रोम, रामेश मांझी,अनिल मांझी सहित अन्य ने योगदान दिया। मौके सुकर मांझी, लालजी हंसदा, दिनेश सोरेन, लेचा मांझी, महावीर मांझी, किरण मांझी, सुखदेव टुडू, राम किशुन मुर्मू, अशोक मांझी, रमेश सोरेन, उमेश मांझी, अघनु मुर्मू, बुधन मुर्मू, विमल टुडू, भुनेश्वर मांझी, रवि मुर्मू, तालो मांझी, किसान मुर्मू, श्याम मरांडी, तालो किस्कू, विश्राम टुडू, राजेश मुर्मू, सुखदेव हंसदा, महेश टुडू, देवन मरांडी, राजेश कुमार हंसदा, दसई किस्कू, लुसा मरांडी, रूपन मुर्मू, दिनेश बेसरा, बैजु मुर्मू, छोटन मुर्मू, सीता राम मांझी, रामकुमार हेम्ब्रोम, रामना मांझी, सुरेश मुर्मू, जगदीश मांझी, विजय सोरेन, सतीश हेम्ब्रोम, बबलू हेम्ब्रोम, मिहीलाल मांझी, बहाराम मांझी, बंसीलाल मुर्मू, बबलू मुर्मू, सुखदेव हंसदा, मनोज सोरेन, दिलीप हंसदा, संजय मरांडी, जगदीश मांझी, चारों हेम्ब्रोम, राजेंद्र सोरेन, सुरेंद्र हंसदा, दसई टुडू, राकेश मुर्मू, मोतीलाल मांझी, महादेव मांझी, जितेंद्र सोरेन, किशुन मांझी, धनीराम किस्कू, चेतलाल हेम्ब्रोम, अनिल मुर्मू सहित कई उपस्थित रहे। 

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