जमशेदपुर: टाटा स्टील और आदिवासी रोमोज अखाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को पांच दिवसीय आदिवासी पारंपारिक नृत्य-संगीत कार्यशाला का आयोजन करनडीह, जहेरथान में किया गया ।
कार्यशाला के पहली दिन बच्चों ने संथाल समाज के पारंपरिक वाद्ययंत्र दमा-दुमांग बजाना सीखा। साथ ही गाना और नृत्य की बारीकियों को भी जाना। कार्यशाला में करनडीह आसपास से कुल 35 युवाओं और बच्चों ने नामांकन कराया है। जबकि नामांकन अभी जारी है।
उद्घाटन सत्र में मुख्य रूप से कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर बाबूलाल गोइपाई, एस.पी कॉलेज के प्रोफेसर लखाई बास्के, एल.बी.एस.एम कॉलेज के प्रोफेसर बाबूराम सोरेन, टीसीएस के पूर्व कर्मचारी शंकर हेंब्रम, टीएसएफ के कर्मचारी रितेश टुडू, प्रोफेसर. रामो टुडू, जहेरथान कमेटी के सदस्य. बुढन माझी, आदिवासी रोमोज अखड़ा के सदस्यगण डुमनी मुर्मू, संगीता समद, निरसो टुडू, मनिका बिरुली, आशा पूर्ति, प्रियंका बरुआ, विश्वासी सोय, नूना माझी, शीतल हेंब्रम, सावना टुडू, काशीनाथ सोरेन आदि उपस्थित थे।