रामगढ़:  रजरप्पा प्रोजेक्ट स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में शुक्रवार को शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत मुख्य अतिथि प्रांत संयोजक महेंद्र कुमार सिंह, जिला संयोजक डॉ. संजय प्रसाद सिंह, प्राचार्य उमेश प्रसाद और जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मनोज झा द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की गई।

इसके उपरांत अतिथि परिचय प्राचार्य उमेश प्रसाद के द्वारा किया गया।। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे न्यास के प्रांतीय संयोजक महेंद्र कुमार सिंह ने भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली विश्व की सबसे प्राचीन एवं समृद्ध रही है।आज आवश्यकता है कि हम अपनी जड़ों से जुड़कर आधुनिकता के साथ संतुलन बनाएं।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ संजय प्रसाद सिंह जी ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा शिक्षा के साथ छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए चारित्रिक, मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक ज्ञान की आवश्यकता है । स्वामी विवेकानंद एवं महर्षि अरविंद जैसे इस देश को पुनः एक बार महापुरुषों की आवश्यकता है। माँ, मातृभूमि, मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं। कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से बल्कि नैतिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध करते हैं।

विद्यालय के प्राचार्य उमेश प्रसाद ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल शैक्षणिक दृष्टिकोण से बल्कि नैतिक एवं सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध करते हैं।कार्यक्रम का संचालन आचार्या गायत्री कुमारी के द्वारा किया गया।

धन्यवाद ज्ञापन आचार्य बच्चूलाल तिवारी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के आचार्य अमरदीप नाथ शाहदेव, शम्मी राज, डॉ गायत्री पाठक, अंजली कुमारी, अनिल कुमार त्रिपाठी, शशि कान्त, शेखर कुमार, ज्योति राजहंस, अनूप झा, अमित झा, दिलीप सिंह आदि की प्रमुख भूमिका रही।

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