रामगढ़: झारखंड कुशवाहा महासभा के राजभवन के समक्ष एक दिवसीय महाधरना में शामिल होने बुधवार को मतकमा चौक से बड़ी संख्या में कुशवाहा समाज के लोग रांची गए। इससे पूर्व चौक पर जुटे कुशवाहा समाज के लोगों ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और कुशवाहा को बीसी-1 कैटेगरी में शामिल करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान योगेश दांगी ने कहा कि सात सूत्री मांगों को लेकर झारखंड कुशवाहा महासभा के तत्वावधान में राजभवन के समक्ष एक दिवसीय महाधरना दिया जा रहा है। जिसमें राज्य भर से बड़ी संख्या में कुशवाहा समाज के महिला-पुरुष शामिल रहेंगे। कहा कि महाधरना पतरातू प्रखंड सहित रामगढ़ जिला से कुशवाहा समाज के लोगों की बड़ी भागीदारी रहेगी।

रांची जानेवालों में योगेश दांगी, सत्यनारायण महतो, आनंद महतो, सुरेश कुमार दांगी, देवानंद कुमार, कृष्णा कुमार दांगी, झमन कुमार, धर्मदेव कुमार, सोहन महतो, भूपति महतो, द्वारिका महतो, अनीश कुमार, राजेश कुमार, नारायण महतो, जितेंद्र कुमार, नरेश महतो, रघुनंदन महतो, शिबू महतो, रामू महतो, प्रकाश महतो, टिकेश्वर महतो, होरिल महतो, जितेंद्र कुमार, अमृत महतो, गौतम महतो, मनोज महतो, संदीप कुमार, बिट्टू कुमार, अजीत कुमार, कमलेश कुमार, गणपत महतो, सतलाल महतो, प्रीतम कुमार, सुकर महतो, सतीश कुमार महतो, बंधन महतो, योगेश्वर महतो, चंद्रदेव महतो, सुजीत कुमार, रवि महतो, साईनाथ महतो, रोहन कुमार, जेठू महतो, पप्पू महतो, मुकेश कुमार, सरजू महतो, संतोष कुमार,रोहित महतो, रोशन कुमार, गोपाल, विशंभरनाथ महतो, देवचरण महतो, दूधनाथ महतो, भरत प्रसाद, सूरज देव कुमार, पंचम महतो, कृष्णा कुशवाहा, मोहन प्रसाद दांगी, श्याम महतो, दिलीप कुशवाहा, छीतेश्वर महतो, रामलाल महतो, हरीनाथ महतो, किशोर कुशवाहा नितेश कुमार अजीत कुमार दांगी, सुनैना देवी, गीता देवी, बबीता देवी, पुष्पा कुमारी, राधा कुमारी, मालती देवी, सविता देवी, मितवा देवी, लीलावती देवी , कांति देवी, मालती देवी, सहित अन्य शामिल हैं।

यह है झारखंड कुशवाहा महासभा की सात सूत्री मांगें

1. झारखण्ड राज्य में पिछडा वर्ग के आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 27% की जाए। राज्य के जिन 6 जिलों में आरक्षण आंशिक रूप से लागू है तथा 7 जिलों में आरक्षण शून्य है, वहाँ भी समान रूप से आरक्षण लागू किया जाए।

2. कृषि को उद्योग का दर्जा प्रदान किया जाए, ताकि कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल सके तथा कृषि – आधारित उद्योगों का विस्तार हो। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी तथा कृषि उत्पादों में मूल्य वर्धन के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी।

3. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को राज्य में पूर्ण रूप से लागू किया जाए।

4. विस्थापित परिवारों के पुर्नवास, रोजगार एवं मुआवजा हेतु पृथक नीति बनाइ जाए तथा एक स्वतंत्र आयोग का गठन किया जाए।

5. उद्योगों की स्थापना हेतु जिन भूमिधारकों को भूमि अर्जित की गई है अथवा भविष्य में की जाएगी, उन सभी प्रतिष्ठानों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भूमिदाता-विस्थापितों हेतु आरक्षण की व्यवस्था की जाए।

6. उद्योगों के लिए सरकार द्वारा रैयतो से भूमि अधिग्रहित कर उद्योगपतियों को लीज पर दी जाती है, जिससे रैयत भूमिहीन हो जाते हैं। अतः भूमि सीधे लीज पर रैयतों से हीं अर्जित की जाए, लीज राशि रैयतों को उपलब्ध कराई जाए तथा लीज समाप्ति के उपरांत भूमि पुनः रैयतो को वापस की जाए।

7. हजारीबाग जिला अंतर्गत ईचाक प्रखंड क्षेत्र को भारत सरकार द्वारा इको सेसिटिव जोन घोषित किया गया है, जिसके कारण सैकड़ो गाँव प्रभावित हो रहे हैं। अतः इसे समाप्त किया जाए, अथवा इसकी सीमा को कम किया जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार एवं विकास के अवसर सृजित हो सके।

 

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