रामगढ़: घुटूवा गांव में रविवार को झारखंड जन संस्कृति मंच की ओर से करम महोत्सव से पहले “गहदम झुमइर” का आयोजन किया गया।इस दौरान करम पर्व के पारंपरिक गीतों पर युवा, महिलाएँ और बुजुर्ग सभी मिलकर पारंपरिक वाद्ययंत्रों- मांदल, ढोल-नगाड़ा की धुन पर देर शाम तक पुरूषों और महिलाओं के द्वारा सामूहिक झुमइर नृत्य की प्रस्तुति होते रही।
इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र कुमार बेदिया और शिवनारायण बेदिया ने किया।
मुख्य अतिथि आदिवासी संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय सह संयोजक देवकीनन्दन बेदिया एवं अन्य अतिथियों ने फीता काट कर और करम पेड में मिट्टी का दीपक प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड में करम महोत्सव आदिवासी मूलवासी की सांस्कृतिक पहचान है। आज झारखंडी पर्व त्यौहार, भाषा, संस्कृति को बचाने और इसके उत्थान के लिए ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम करना जरुरी है।
जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेन्द्र कुमार बेदिया ने कहा कि करम पर्व केवल आदिवासी समाज का त्यौहार नही है, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए संदेश देता है कि हमारे असली शक्ति धन दौलत में नहीं बल्कि प्रकृति के गोद में रहना और आपस में मिलकर चलना है। अगर इस संदेश को जीवन में उतार लें तो समाज और प्रकृति दोनों ही समृद्ध और सुरक्षित रहेंगे।

झारखंड संस्कृति मंच के जाने-माने कलाकार भरत बेदिया और दिनेश करमाली के ग्रुप ने खोरठा गीतों में खूब समां बांधा। “सावन कर मास आइल सभे खेत चास भेल एहे भाई, रोपी उठली सभे खेत हो।”। “कथिखने बोलय हो पीपहीं चेरंया भगजोगनी, गुईया रे, कथिखने बोले भेंगराज। वहीं होन्हे टांड से आए मनसा बेदिया और घुटूवा डुडगी और छोटकाकाना गांव के मालती देवी के टीम द्वारा गाये गीतों से युवक, युवतियां, महिलाएं, बच्चे, बुढ़े सभी थिरकने पर विवश हो गये । करमा गीतों के श्रृंखला से माहौल देर शाम तक उल्लासपूर्ण बना रह।
अतिथि भी खोरठा गीतों पर थिरके। नृत्य में 6-7 ग्रुपों ने भाग लिया। बेहतर प्रदर्शन करनेवले प्रतिभागियों को आदिवासी साड़ी और गमछा देकर सम्मानित किया गया।

मौके पर झारखंड सस्कृति मंच के कलाकार और आयोजन समिति के दिनेश करमाली, मोतीलाल बेदिया का प्रमुख योगदान रहा। , मौके पर पूर्व जिला परिषद सुरपति देवी, वार्ड पार्षद 21 के मुखिया गीता देवी , सुगन कुमारी, कविता देवी, संजय बेदिया, दिलीप बेदिया, चतुर्गुण बेदिया, सहदेव बेदिया, सुभाष बेदिया, हेमंती देवी, कृष्णा बेदिया, अजित बेदिया ,किरण कुमारी, रीमा देवी, सुजाता कुमारी, रामदेव बदिया, बोधन बेदिया , छेदन बेदिया, सुमेश मांझी बेदिया, प्रीति जी बेदिया , बृज नारायण मुण्डा, अनिता देवी, नागेश्वर मुंडा, रंजना देवी, विकी बेदिया , धनमती देवी, मालती देवी, मौजूद थे। कार्यक्रम में सैंकड़ों की संख्या में बच्चे, युवक युवतियां, महिलाएं, बुजुर्ग शामिल थे।

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