Gram Sabha held in Potanga for forest land and gm landGram Sabha held in Potanga for forest land and gm land

बड़कागांव: सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत बिरसा परियोजना (नार्थ उरीमारी ओसीपी) के अंतर्गत ग्राम पोटंगा में स्थित वन भूमि (65.31हेक्टर) एवं गैरमजरूवा जंगल झाड़ी (34.80हेक्टर) भूमि के वन अधिकारी अधिनियम (FRA-2006) के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने को लेकर ग्राम सभा का आयोजन पारगढ़ा फुटबॉल मैदान में मंगलवार को किया गया। ग्राम सभा की अध्यक्षता पोटंगा पंचायत के मुखिया चरका करमाली एवं संचालन एसओ पीएंडपी सुबोध कुमार ने किया।

ग्राम सभा में ग्रामीणों ने अपनी-अपनी बातों को पुरजोर तरीके से रखा। जिसमें जमीन के बदले नौकरी, विस्थापित बेरोजगारों को रोजगार के लिए उपलब्ध लोकल सेल में प्रतिदिन कोयला, पुनर्वास स्थल का समतलीकरण कर बिजली, पानी, सड़क, जैसी मूलभूत सुविधाओं की जो कमी को दूर किया जाए, विस्थापितों को 5 डिसमिल जमीन के बदले 10 डिसमिल जमीन दिया जाए, मंदिर, सरना स्थल, देवी मंडप को अभी तक स्थांतरित नहीं किया गया है जिससे पुनर्वास स्थल पर बसे लोगों को पूजा पाठ करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, 2019 में ग्राम सभा के माध्यम से वन भूमि पट्टा का निष्पादन अभी तक नहीं हुआ है।

इस दौरान पुर्नावास स्थल पर मोबाइल का नेटवर्क नहीं होने की बात को भी प्रमुखता से रखा गया। ग्रामीणों ने कहा कि पुर्नावास स्थल के चारों तरफ ऊंची ऊंची पहाड़ हैं एक तो प्रकृति ने बनाया है और दूसरा पहाड़ जो सीसीएल प्रबंधन के द्वारा तैयार किया गया है जिससे गांव बीचो-बीच पड़ता है और वहां मोबाइल का सही नेटवर्क नहीं होने के कारण उन्हें बातचीत करने में काफी परेशानी सामना करना पड़ता है,

वहीं ग्रामीणों ने शिकायत करते हुए कहा कि 2015 में सीसीएल प्रबंधन द्वारा जमीन लिया गया उसका नौकरी नहीं मिला है और वह आज भी केस लड़ रहे हैं, 8 किलोमीटर के दायरे में पढ़ने वाले क्षेत्र का समुचित विकास करना सीसीएल प्रबंधन का दायित्व है लेकिन कई ऐसी जगह है जहां पर सीसीएल प्रबंधन ध्यान नहीं देती है।  दो एकड़ की जगह, एक एकड़ जमीन के बदले नौकरी दिया जाना चाहिए। पोटंगा से असवा जाने का जो रास्ता है उसे भी बनवाया जाए, पूर्व में कई लोगों की जमीन के बदले नौकरी अभी भी नहीं मिली है।

ग्राम सभा में मुख्य रुप से संजय करमाली, विश्वनाथ मांझी, जीतन मुंडा, धर्मदेव करमाली, त्रिलोक सोरेन, जुरा सोरेन, सूरज बेसरा, वार्ड सदस्य किशोर बेदिया, गिरधारी प्रजापति, मोतीलाल टूडू, मोहन सोरेन, वन समिति के अध्यक्ष सुरेश मुर्मू, हाकिम मांझी, अकल मुंडा, पोटंगा पंचायत के उप मुखिया रविंद्र सोरेन ने अपनी बातों को प्रमुखता से रखा।

ग्रामीणों की समस्याओं का होगा समाधान: महाप्रबंधक

सीसीएल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीणों ने जो अपनी समस्या को रखा है वह समस्या का समाधान किया जाएगा। लेकिन आज जो ग्राम सभा वन भूमि को लेकर रखा गया है जब तक उस जमीन का डायवर्सन नहीं होता है तब तक उस जमीन का नौकरी और मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। तो सबसे पहले उस जमीन का डायवर्सन जरूरी है। डायवर्सन होने के बाद ही नौकरी और मुआवजा दिया जा सकता है। जो जमीन है जब तक उसका सत्यापन नहीं होता है तब तक उस जमीन का नौकरी किसी को नहीं दिया जा सकता ऐसे में जमीन का सत्यापन होना जरूरी है जमीन का सत्यापन होने के बाद नौकरी देने में कोई दिक्कत नहीं है। मुझे उम्मीद है कि आप लोगों ने जो नींव डाला है वह काफी मजबूत है। पुर्नावास स्थल का विकास हो इसका इसके लिए मैं पूरा प्रयास करूंगा और ग्रामीणों की समस्या जो अंचल से संबंधित है उसके लिए मैं अंचल कार्यालय से आयें लोगों से कहूंगा ग्रामीणों की समस्याओं को जल्द से जल्द समाधान करें।

 

वहीं, सभा के पश्चात सभा अध्यक्ष ने कहा कि यह ग्राम सभा तब तक पारित नहीं हो सकती जब तक यहां के ग्रामीण और विस्थापित अपनी सहमति नहीं दे देते। आप लोगों से सहमति मिलने के बाद ही ग्राम सभा को पास किया जाएगा ताकि क्षेत्र का समुचित विकास हो सके।

मौके पर मुख्य रूप से सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक, अजय कुमार सिंह पोटंगा पंचायत के मुखिया चरका करमाली, पंचायत समिति सदस्य पूर्वी किशोर बेदिया, पंचायत समिति सदस्य पश्चिमी बभनी देवी, वार्ड सदस्य रीना देवी, फूलमती देवी, अनीता देवी, किशोर बेदिया, वन समिति अध्यक्ष सुरेश मुर्मू, वन समिति सचिव बेनीलाल सोरेन, बिरसा परियोजना पदाधिकारी डी शिवादास, बिरसा परियोजना खान प्रबंधक रामेश्वर मुंडा, सोनाराम मांझी, सूरज बेसरा, संजय करमाली, मोहन सोरेन, गणेश गंझू, सुनील उरांव, गिरधारी प्रजापति, धर्मदेव करमाली, अकल मुंडा, जीतन मुंडा, विश्वनाथ मांझी, विजय करमाली, हकीम मांझी सहित कई लोग मौजूद थे।

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