• मांगों को लेकर दो गुट में बंटें ग्रामीण

• सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक रहे मौजूद

• हो-हंगामे के बाद सहमति से ग्राम सभा पारित

बड़कागांव : सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र बिरसा परियोजना (नॉर्थ उरीमारी ओसीपी) के अंतर्गत उरीमारी में स्थित वन भूमि 17.23 हेक्टेयर एवं गैरमजरूवा जंगल झाड़ी 16.01 हेक्टेयर भूमि के वन अधिकार अधिनियम (FRA 2006) के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने को लेकर पंचायत भवन उरीमारी में गुरुवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। ग्राम सभा की अध्यक्षता उरीमारी पंचायत के मुखिया कमला देवी एवं संचालन एसओ पीएंडपी सुबोध कुमार ने किया।

सभा का शुभारंभ सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह के द्वारा उरीमारी पंचायत की मुखिया कमला देवी को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात बिरसा परियोजना पदाधिकारी डी शिवादास के द्वारा ग्राम सभा में शामिल अतिथियों को भी पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। ग्राम सभा के शुरुआत में ही ग्रामीण दो समूहों में बंटे दिखें। एक समूह ग्राम सभा को पास करने की बात पर अड़ा था वही दूसरा समूह सीसीएल प्रबंधन से आश्वासन नहीं कार्य कर दिखाने के बाद उस पर सहमति जताने को लेकर अड़ा था। दोनों तरफ से लोग अपनी-अपनी समस्याओं से सीसीएल प्रबंधन को अवगत करा रहे थे। 

Gram Sabha held in Urimari regarding forest and Garmajrua landइसी बीच हेसाबेड़ा बस्ती के मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू ग्राम सभा को पुनः कराने की बात कहकर लोगों को ग्राम स्थल से ग्रामीणों को बाहर बुला लिया। जिसके बाद ग्रामीण उनके पीछे-पीछे निकलने लगे ऐसा होता देख दूसरा समूह भड़क गया और ग्राम सभा को पारित करने के लिए हंगामा करने लगा। ऐसे में दोनों ही समूह आमने-सामने हो गये। हो-हंगामा देख कई ग्रामीण सभा स्थल से निकल अपने घर चले गए। सीसीएल बरका-सयाल प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया गया। लेकिन सभा स्थल से निकले लोग मानने को तैयार नहीं थे।

अंत में राकोमयू के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव ने हेसाबेड़ा बस्ती के मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू को मनाने में सफल हुए और ग्राम सभा पुनः चालू हुआ। ग्राम सभा में रोजगार को लेकर चर्चा हुआ, उरीमारी पंचायत के लोगों को उरीमारी, बिरसा और न्यू बिरसा लोकल सेल से लाभान्वित हो, उरीमारी पंचायत में खुल रहे रेलवे साइडिंग को लोकल सेल से अलग कमेटी बनाकर संचालित किया जाए, जिससे सबको रोजगार मिलें, उरीमारी और बिरसा परियोजना के स्तर पर ग्रामीणों को नहीं बांटा जाए, ग्रामीणों को सहुलियत दिया जाए और उनका काम हो।

इस पर सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि ग्रामीणों के द्वारा दिए गए मांग पत्र को सकारात्मक पहल किया जाएगा। ग्राम सभा में हुए हंगामा शांत होने के बाद ग्रामीणों ने ग्राम सभा रजिस्टर में हस्ताक्षर कर ग्राम सभा को पारित कर दिया।

ग्राम सभा में मुख्य रूप से सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह, उरीमारी पंचायत की मुखिया कमला देवी, उरीमारी पंचायत समिति सदस्य गीता देवी, बिरसा परियोजना पदाधिकारी डी शिवादास, बिरसा परियोजना के खान प्रबंधक रामेश्वर मुंडा, राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन बरका-सयाल के क्षेत्रीय सचिव राजू यादव, अंचल निरीक्षक अनोज कुमार, राजस्व उप निरीक्षक नवल किशोर प्रसाद, पंचायत सचिव धनेश्वर प्रसाद, अंचल अमीन नरेन्द्र प्रसाद महतो, ब्रह्मदेव रवानी, वन अधिकार समिति के अध्यक्ष अनिल साव, वन अधिकार समिति के सचिव नरेश कुमार, हेसाबेड़ा बस्ती के मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू, उरीमारी पंचायत के उप मुखिया सतीश कुमार, उरीमारी पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य कानू मांझी, डॉ जी आर भगत, दिनेश करमाली, कार्तिक मांझी, रैना मांझी, सुरेश मुर्मू, खेपन मांझी, महादेव बेसरा, सुखू मांझी, सुबितराम किस्कू, मोहन मांझी, संतोष प्रजापति, कौलेश्वर मांझी, सुषमा श्रीवास्तव, आशालता देवी, रमेश किस्कू, जागो मांझी, शिकारी टूडू, तालो मांझी, राजपति साव, वार्ड सदस्य लालमुनी देवी, शारदा देवी, फुलमती देवी, अफरीदा खातुन, लालजी मांझी, जुगल करमाली, पुरन मांझी, सोधन मांझी, राजू पवरिया, खेमलाल मांझी, सुरेन्द्र करमाली, जतरु बेसरा, कौलेश्वर मांझी, रवि पावरिया, तालो बेसरा, सिगू हेम्ब्रोम, मुनीश मांझी, लालदेव सोरेन, महादेव मांझी, मनू टुडू, दशाराम मांझी, शांति देवी, तेतरी देवी, शांति देवी, फुलमनी देवी, सीता देवी, मैनो देवी, मुर्ति देवी, लालमुनी देवी, मंजू देवी सहित कई लोग मौजूद थे।

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