रामगढ़: दुनियाभर में रोजाना कई छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें प्रतिवर्ष लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। भारत में भी सड़क दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। रिपोर्ट के अनुसार विगत वर्षों में अनुमानित प्रतिवर्ष डेढ़ से 2 लाख लोगों की मौत हुई है। यह आकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है।

बदलते परिवेश में सड़कों के बिछते जाल और वाहनों की बढ़ती संख्या के बीच जीवन की सुरक्षा और भी चुनौतीपूर्ण होती जा रही है। हालांकि सड़क दुर्घटना पर शत प्रतिशत रोक लग पाने की बात मुमकिन नहीं लगती। लेकिन सोचिए कि यदि ट्रैफिक नियमों का शत प्रतिशत पालन हो सके तो तस्वीर क्या होगी और दुर्घटनाओं के आंकड़े कहां चले जाएंगे। सड़क दुर्घटनाओं के पीछे जो बड़ी वजहें सामने आती हैं, उनका मूल कारण सिर्फ और सिर्फ लापरवाही है।
दुनियाभर में सड़क दुर्घटना के पीछे सबसे बड़ी वजह रफ्तार है और इसपर पर बेशक नियंत्रण किया जा सकता है। एक और वजह है नशे में वाहन चलाना। प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर प्रयास से इसे भी रोका जा सकता है। सड़क पर वाहनों में आकस्मिक तकनीकी खामियों के कारण होनेवाली दुर्घटनाओं को भी वाहनों के नियमित मेंटेनेंस से कम किया जा सकता है। ट्रैफिक नियमों का सभी पूरी तरह से पालन करें तो संभव है कि दुर्घटनाएं न के बराबर होंगी। जागरूकता और इच्छाशक्ति से यह भी असंभव नहीं है।

Zero road accident: पतरातू प्रखंड में बाइक दुर्घटनाएं ज्यादा

खबरसेल की Zero road accident मुहीम की पहली कड़ी में पतरातू प्रखंड के कई लोगों से सड़क दुर्घटनाओं पर अपने विचार और सुझाव साझा किए। अधिकांश लोगों के अनुसार पतरातू प्रखंड अंतर्गत होती सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ी वजह रफ्तार नहीं, बल्कि नशा है। अंग्रेजी शराब, महुआ, हड़िया, गांजा और दूसरे मादक पदार्थों का सेवन कर सेवन कर लोग वाहन चलाते हैं और सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। दूसरी बड़ी वजहों में वाहनों का बेतरतीब ढंग से परिचालन, बड़े वाहनों पर ओवरलोडिंग और ओवरटेक की होड़ भी उभरकर आ रही है। यहां की सड़कों पर बाइक दुर्घटना ज्यादा होती है। पतरातू प्रखंड में रामगढ़- पतरातू फोरलेन स्थित बनगड्डा, पतरातू खैरा-मांझी चौक, रीवर साइड स्थित बड़ा ऑफिस, बरकाकाना 2 नंबर गेट, पोचरा जोड़ा तालाब सहित कुछेक मार्गों पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। 

Zero road accident: क्या कहते हैं लोग

रफ्तार पर अंकुश लगाने की जरूरत: रूदल कुमार

सौंदा डी निवासी समाजसेवी रूदल कुमार ने कहा कि सबसे पहले रफ्तार पर रोक लगाना जरूरी है। आबादी वाले क्षेत्र में सवारी और ट्रांसपोर्टिंग सहित सभी छोटे-बड़े वाहनों की गति सीमा निर्धारित होनी चाहिए और इसका अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वहीं सड़क पर पुराने और जर्जर वाहन चलते दिखते हैं। समय-समय पर निजी और व्यवसायिक वाहनों का बेसिक फिटनेस जरूर चेक किया जाना चाहिए। इससे लोग वाहन की छोटी-छोटी तकनीकी कमियों के प्रति सजग हो सकेंगे। सड़क दुर्घटना में जरूर कमी आएगी।

नहीं होता ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह पालन : डॉ. संजय तुरी

बेती मोड़ निवासी डॉक्टर संजय तुरी कहते हैं कि सड़क पर ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं दिखता है। दुपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और कार चालकों के सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। बावजूद इसके अधिकांश लोग लापरवाही करते हैं। वहीं जल्दबाजी में वाहन चालक  तेज गति से ओवरटेक की होड़ में दिखते हैं, जिससे अपनी और दूसरों की जान भी संकट में डाल देते हैं। जागरूकता और हस्तक्षेप से ही रफ्तार पर रोक संभव है। 

राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं पर गंभीर नहीं: दिलीप दांगी

चिकोर निवासी आजसू जिलाध्यक्ष दिलीप दांगी ने कहा कि नाबालिगों को वाहन चलाते देखा जा रहा। नशे में वाहन चलाना भी आम बात हो गई। इसकी रोकथाम के लिए कोई कारगर प्रयास नहीं हो रहा है। सड़क दुर्घटना को लेकर राज्य सरकार जरा भी गंभीर नहीं है। हेलमेट चेकिंग के नाम पर सिर्फ वसूली हो रही है। सड़क पर आम लोगों की सुरक्षा से राज्य सरकार कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में सामाजिक जागरूकता से ही सड़क दुर्घटना रोकी जा सकती है।

नाबालिग चालकों के अभिभावकों पर हो कार्रवाई: नरेश जायसवाल

भुरकुंडा निवासी व्यवसायी नरेश जायसवाल ने कहते हैं गैर जिम्मेदार अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों को महंगे, पावरफुल और हाई स्पीड बाइक दे रहे हैं। सड़क पर नाबालिगों को काफी तेर रफ्तार में बाइक चलाते और स्टंट करते देखा जा रहा है। इससे सड़क पर दूसरे वाहन चालकों के लिए भी दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है। लापरवाह अभिभावकों को एहसास नहीं कि जरा सी चूक उन्हें जीवन भर का दर्द दे सकती है। ऐसे अभिभावकों को चिन्हित कर कार्रवाई की जानी चाहिए। 

सड़क पर स्टंट और दूसरे वाहनों को चकमा देते है बाइक राइडर्स : जयमंगल

बनगड्डा निवासी जयमंगल दास कहते है कि रामगढ़-पतरातू फोरलेन पर बाइक दुर्घटना ज्यादा होती है।  बाइक सवार अनियंत्रित होकर गिरते हैं या फिर दूसरे वाहनों से टकराते हैं। नशा भी इसकी बड़ी वजह है। अधिकांश दुर्घटनाओं में वाहन चालक नशे में धुत होते हैं। बाइक पर तीन से चार सवारी भी आम बात हो चली है। फोरलेन सड़क पर बाइक राइडर्स स्टंट करते और दूसरे वाहनों को चकमा देते दिख रहे हैं, यह खतरनाक है। इसपर रोक लगनी चाहिए। 

मुख्य मार्गों के ईद-गिर्द बंद हो नशे की दुकानें : पवन कुमार यादव

पोचरा निवासी इंकलाबी नौजवान सभा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि तेज रफ्तार और नशे की हालत में ओवरटेक करने क्रम में दुर्घटना ज्यादा होती है। हालिया दिनों में सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन की सक्रियता बढ़ी है। आए दिन जागरूकता अभियान चलाकर सार्थक प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मुख्य मार्गों के आसपास दुकानों और होटलों में बिकती अवैध शराब पर अविलंब रोक लगनी चाहिए। इसके लिए सामाजिक स्तर पर भी प्रयास होना चाहिए। इसमें ग्राम पंचायत की भूमिका प्रभावी हो सकती है। 

 

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