Jamtara Deputy Commissioner held a meeting of the district level AYUSH committee

जामताड़ा: समाहरणालय सभागार में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी  शशि भूषण मेहरा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय आयुष समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा, प्रखंड आयुष कैंप, आयुष ग्राम कैंप, कारूणया योजना, मानव बल, आयुष प्रक्षेत्र के कार्यों, जिला संयुक्त औषधालय हेतु आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) शहरी क्षेत्र में सरकारी भवन चिन्हित करने के अलावा वर्तमान में विभिन्न मदों में उपलब्ध राशि के व्यय आदि की समीक्षा की गई।

बैठक के दौरान उपायुक्त ने वर्तमान में आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी) चिकित्सा हेतु जिले के अलग-अलग प्रखंडों में उपलब्ध सुविधाओ की जानकारी ली। उन्होंने विभिन्न मदों में विभाग को उपलब्ध आवंटन एवं अब तक किए गए खर्च आदि की भी जानकारी दी गई।

इन ग्रामों को आयुष ग्राम के रूप में किया गया है चिन्हित

बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 12 आयुष ग्राम को चिन्हित किया गया। जिसमे नाला प्रखंड अंतर्गत कपासडंगाल, दलाबड़, बाबूपुर, नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत रघुनाथपुर, बनखोजो, रानीडीह, कुंडहित प्रखंड अंतर्गत बरमसिया, डुगरूपाड़ा, बरोसुली तथा फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत टुअरगड़ा, सुइयापाड़ा एवं महेशपुर शामिल हैं।

आयुष प्रक्षेत्र की योजनाओं की हुई समीक्षा

बैठक में आयुष प्रक्षेत्र की योजनाओं पर विमर्श करते हुए उपायुक्त ने सभी प्रखंडों में 03 कैंप के आयोजन एवं उक्त कैंप के जरिए ऑस्टियोआर्थराइटिस एवं अन्य मास्कुलोस्केलेटल विकारों से ग्रसित मरीजों की पहचान एवं आयुष माध्यम से निदान हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया। वहीं सभी प्रखंडों में प्रत्येक माह के तीसरे सप्ताह में वृद्धजनों के लिए विशेष कैंप तथा आयुष औषधालय में वृद्धजनों के लिए ओपीडी की व्यवस्था हेतु निर्देश दिए। वहीं उन्होंने करुणालय योजना घर, अस्पताल, धर्मशाला आदि में प्रशामक देखभाल हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

चयनित सभी 12 ग्रामों में लगेंगे औषधीय पौधे

उपायुक्त ने बैठक के दौरान कहा की आयुष ग्राम के तहत चिन्हित सभी 12 ग्रामों में ग्रामसभा का आयोजन कर किसानों को जागरूक करने एवं लाभुकों का सत्यापन करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चयनित आयुष ग्रामों को 1000 औषधीय पौधे दिए जायेंगे। इसके लिए आकलन करते हुए पौधों की सूची को वन प्रमंडल पदाधिकारी को देने का निर्देश दिया। उन्होंने इस हेतु जिम्मेवार पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पौधे लगाने तक ही आपकी जिम्मेवारी नहीं समाप्त होगी। किसी प्रकार की खानापूर्ति बर्दाश्त नहीं होगी। लगाए जाने वाले सभी पौधों का अगले पांच साल तक गहन देखभाल की आवश्यकता है, इसका निर्वहन संबंधित को करना अत्यावश्यक है।

इस मौके पर वन प्रमंडल पदाधिकारी बी. अजिंक्य देवीदास, जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।

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