रामगढ़: चितरपुर महाविद्यालय के सभागार में बुधवार को खोरठा दिवस समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ बी. एन. ओहदार, विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य अशोक कुमार उपाध्याय और चितरपुर इंटर महाविद्यालय खोरठा के पूर्व सहायक प्राध्यापक नागेश्वर महतो मुख्य रूप से उपस्थित थे। अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर औऋ खोरठा भाषा के महामानव श्रीनिवास पानूरी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यकम का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों को शॉल औल पौध देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ ओहदार ने अपने संबोधन में कहा कि आज के समय में खोरठा एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, यह वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है, उन्होंने आगे कहा कि आप जिस विषय के भी छात्र हों, उस विषय से अलग आपको अपनी क्षेत्रीय भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है। खोरठा विषय आज के लगभग हर प्रतियोगिता परीक्षा के आवश्यक होता जा रहा है। नागेश्वर महतो ने खोरठा कविता के माध्यम से इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला, और खोरठा की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
वहीं पूर्व प्राचार्य अशोक उपाध्याय ने कहा कि चितरपुर महाविद्यालय में खोरठा भाषा की पढ़ाई मेरे कार्यकाल में प्रारंभ हुआ, परिणाम स्वरूप यहाँ के छात्रों ने विश्वविद्यालय में बड़ी उपलब्धि हासिल की। अंत में महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ संज्ञा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया तथा उन्होंने कहा कि यह प्रथम अवसर है कि इस तरह का कार्यकम हमारे महाविद्यालय में हो रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में छात्र अपने भाषा को जाने उससे परिचित हों, साहित्यिक दृष्टिकोण के खोरठा की सेवा करें। स्वागत भाषण प्रो. उत्तम कुमार और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रो. रेवालाल पटेल ने प्रस्तुत किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन संचालन प्रो. मीना मुंडा तथा नगमा नौशाबा ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यकम में प्रो. जूही उपाध्याय, प्रो. अंजनी करमाली, प्रो. मनोज कुमार झा, प्रो. क़ुर्रतुल ऐंन, प्रो. अंजू कुमारी, प्रो. शबाना अंजुम, प्रो. दीपक कुमार, प्रो. उत्तम कुमार सिंह, ज़फ़रुल हसन खान, रवि कुमार, कुसुम कुमारी, आसिया आफ़रीन, सोनू कुमार, राजेश तिवारी, पिंटू प्रजापति, आमिर अली, राहुल, प्रकाश, करमी, महेंद्र, हसन होदा सहित कई छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।
