मुख्यमंत्री ने कहा, बदलती तकनीक और बदलते वक्त के साथ हुनरमंद होना जरूरी
रांची: आज जमाना तकनीक का है। बदलते वक्त के साथ तकनीक भी बदल रही है। ऐसे में हर इंसान को हुनरमंद होना होगा। अगर आपके पास हुनर होगा तो बाजार में आपकी डिमांड भी होगी और रोजगार के बेहतर विकल्प और अवसर भी मिलेंगे, वरना जमाने से आप काफी पीछे रह जाएंगे। ऐसे में आप अपने हुनर को निखारें और अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाएं। यह बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शनिवार को रांची के आर्यभट्ट सभागार में में मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत बिरसा योजना एवं रोजगार प्रोत्साहन भत्ता तथा परिवहन भत्ता वितरण कार्यक्रम का शुभारं करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि कौशल विकास से जीवन में बदलाव के साथ ऊर्जा का संचार होता है एवं सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की शक्ति मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यहां के ग्रामीण नौजवानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए यह योजना शुरू की है । पहले जहां आपको कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। वहीं, अब आपको अपने प्रखंड में ही खोले जा रहे बिरसा केंद्र में अपनी इच्छा के अनुरूप फील्ड में स्किल डेवलपमेंट का कोर्स निशुल्क कर सकेंगे । इतना ही नहीं आपको रोजगार प्रोत्साहन भत्ता और परिवहन भत्ता भी मिलेगा, ताकि आप अपने हुनर को बेहतर तरीके से निखार सकें।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बोकारो, चतरा, गढ़वा साहिबगंज और पश्चिमी सिंहभूम जिले के एक -एक प्रखंड में खुलने वाले बिरसा केंद्र में प्रशिक्षण के लिए चयनित युवक-युवतियों से सीधा संवाद किया। इस मौके पर उन्होंने सांकेतिक रूप से 1039 प्रशिक्षणार्थियों के बैंक खाते में रोजगार प्रोत्साहन भत्ता के रूप में 13 लाख 9 हज़ार 5 सौ रुपए और 2178 प्रशिक्षणार्थियों को 11 लाख 87 हज़ार 840 रुपए परिवहन भत्ता के रूप में ट्रांसफर किए।
क्या है बिरसा योजना
मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत बिरसा योजना के तहत प्रखंड स्तर पर कौशल विकास का प्रशिक्षण केंद्र खोला जाना है। इस योजना के पहले चरण में अस्सी प्रखंडों में बिरसा केंद्र खोले जा रहे हैं। यहां युवाओं को निशुल्क कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा । प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को एक हज़ार रुपए रोजगार प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा, जबकि युवतियों, दिव्यांगों और परलैंगिको के लिए यह राशि एक हज़ार पांच सौ रूपए प्रति माह होगी। इसके अलावा गैर आवासीय प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को एक हज़ार रूपए प्रतिमाह परिवहन भत्ता भी मिलेगा। प्रशिक्षण के बाद तीन माह के अंदर नियोजन नहीं होने की स्थिति में 1 वर्ष तक रोजगार प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाएगा।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, श्रम विभाग के सचिव श्री राजेश शर्मा, श्रम आयुक्त संजीव कुमार बेसरा, झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के मिशन डायरेक्टर सुनील कुमार, श्रम विभाग के अपर सचिव अमित प्रकाश और पवन कुमार मौजूद थे।