कोडरमा: स्वयंसेवी संस्था समर्पण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के संयुक्त तत्त्वावधान में डोमचांच के सुदूरवर्ती गांव जानपुर के पंचायत भवन में तंबाकू निषेध दिवस एवं नशा मुक्ति अभियान के तहत विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 70 लोगों ने भाग लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता मुखिया मंसूर अली और संचालन समर्पण के प्रोग्रम मेनेजर आलोक कुमार सिन्हा ने किया।
शिविर में मुख्य रूप से एलएडीसीएस के अधिवक्ता अरुण कुमार ओझा, अधिवक्ता राजेन्द्र मंडल, अधिवक्ता सुमन जयसवाल, संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर शंकरलाल राणा उपस्थित थे।
अधिवक्ता अरुण कुमार ओझा ने तंबाकू के दुष्परिणाम की चर्चा करते हुए कहा कि गंभीर एवं खतरनाक बीमारियों जैसे कैंसर, टीवी, हृदय रोग, दमा, लीवर की बीमारी आदि से बचना है तो तंबाकू, बीडी, सिगरेट, गुटका, खैनी की लत को छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि तंबाकू एवं अन्य नशा के बढ़ते उपयोग की वजह से आज युवा पीढ़ी खतरे में हैं. उन्होंने कहा कि हमारा देश का भविष्य युवाओं एवं बच्चों पर टिका है और यह पीढ़ी भी यदि गलत रास्ते में चले जाए तो फिर अपना भविष्य के साथ-साथ देश का भविष्य अंधकार में चला जायेगा।
वहीं अधिवक्ता सुमन जयसवाल ने हिंसा के स्वरूपों की चर्चा करते हुए कहा कि नशापान न सिर्फ परिवार की आर्थिक स्थिति को कमजोर करती है बल्कि, बीमारी के साथ-साथ फसाद को भी बढ़ाती है. उन्होंने कहा कि घरेलु हिंसा, प्रताड़ना या अन्य अपराध का मुख्य जड़ नशा है. उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 80 लाख से ज्यादा लोग तंबाकू सेवन से मौत के गाल में समा जा रहे हैं। आए दिन परिवारों में, दंपति के बीच झगड़ा होते रहता है। जिसके कारण परिवार बिखर जाता है। जिसका बूरा असर बच्चों पर पड़ता है. उन्होंने पोक्सो एक्ट, महिला प्रताड़ना आदि विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी दी।
एलईडीसीएस के अधिवक्ता राजेंद्र मंडल ने कहा कि नशा अच्छा चीज है पर वह नशा सृजनात्मक होना चाहिए। जैसे किताब पढने-लिखने का नशा, गीत-संगीत सीखने का नशा, पौधा लगाने, वृक्ष लगाने-बचाने का नशा आदि. परन्तु, अफ़सोस कि लोग आज इस तरह के नशे में न होकर दारु और अन्य मादक पदार्थों के गिरफ्त में आ गए हैं।
विषय प्रवेश कराते हुए संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने संस्था के द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि नशा बंद, कुल्हाड़ी बंद, गाली बंद, बाल विवाह बंद, बाल श्रम बंद, बाल तस्करी बंद, लैंगिक भेदभाव बंद, घरेलु हिंसा बंद हो हमारा यही उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समुदाय का सहयोग जरुरी है।
मुखिया मंसूर अली ने अपने पंचायत को एक मॉडल पंचायत में तब्दील करने की घोषणा की. उन्होंने इसके लिए समुदाय एवं युवा समूह के सदस्यों का सहयोग की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारा शरीर बहुत कीमती है इसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हमीं लोगों की होनी चाहिए।
शिविर में मुख्य रूप से शंकर लाल राणा, नवीन कुमार, पिंकी देवी, विमला देवी, सुनीता कुमारी, राजेश कुमार, जितेंद्र सिंह, योगेश कुमार, लक्ष्मी कुमारी, सेविका सुनीता देवी आदि ने भाग लिया.