इस वित्तीय वर्ष 55.37 लाख मिट्रिक टन कोयले का हुआ उत्पादन
• बीते वित्तीय वर्ष 242 करोड़ रुपये का हुआ था घाटा
रामगढ़: सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक कार्यालय के सभागार कक्ष में महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीसीएल बरका-सयाल के वित्तीय वर्ष 2022-23 के उत्पादन लक्ष्य की जानकारी साझा किया। बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि सीसीएल सीएमडी सहित कई आला अधिकारियों के दिशा निर्देश में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सीसीएल बरका-सयाल ने रिकार्ड प्रदर्शन करते हुए अनुमानित 120 करोड़ रूपये का मुनाफा किया है। जबकि पिछले वर्ष में प्रक्षेत्र 242 करोड़ रूपये के घाटे में थी। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र का कोयला उत्पादन का लक्ष्य 45 लाख मिट्रिक टन था। जिसमें सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 55 लाख 37 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया। जबकि पिछले वर्ष 43 लाख 49 हजार मिट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया था।
सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र का ओ.बी. का लक्ष्य 94 लाख था। जिसमें प्रक्षेत्र ने 124 लाख 53 हजार क्यूबिक मीटर ओ. बी. निकाला। जबकि पिछले वर्ष 100 लाख 32 हजार क्यूबिक मीटर ही हुआ था।
डिस्पैच में भी बरका-सयाल ने पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन करते हुए आगें रही है। इस वित्तीय वर्ष में 45 लाख कोयला डिस्पैच करने का लक्ष्य था। जिसमें प्रक्षेत्र ने 62 लाख 38 हजार कोयले का डिस्पैच किया। जबकि पिछले वर्ष में 44 लाख 37 हजार कोयलें का डिस्पैच किया गया था।
वहीं बरका-सयाल प्रक्षेत्र ने कोयला रैक को लेकर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस वित्तीय वर्ष में 1142 रैक कोयला निकला। जबकि पिछले वर्ष 776 रैक ही कोयला निकला था।
सीसीएल बरका-सयाल महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्रक्षेत्र के ऐतिहासिक प्रदर्शन में श्रमिक, अधिकारियों, विस्थापित ग्रामीणों, विभिन्न ट्रेड यूनियनों, सेल्स टीम सहित प्रक्षेत्र के हर व्यक्ति का सहयोग रहा है। जिसकी वजह से सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र घाटे को पाटते हुए अनुमानित 120 करोड़ का मुनाफा प्राप्त करेगी।
उन्होंने आगे बताया कि प्रक्षेत्र के मुनाफा में आने के कई कारण है। पहले कोयले का उत्पादन करने में प्रति टन 2414.45 रूपये का खर्च गिरता था। जो इस वर्ष करीब 1900 रूपये का खर्च हुआ। वहीं इस बार क्वालिटी को लेकर भी विशेष ध्यान दिया गया। जिसकी वजह से कोयले का बिक्री दर 1707 रुपए प्रति टन से बढ़कर 2040 रूपये प्रति टन हो गया।
अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 65 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी को बधाई देते हुए कहा कि सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र को आगें बढ़ाने में सभी का सहयोग रहा है। आगें भी सभी का सहयोग मिलता रहें तो वह दिन दूर नहीं जब कोल इंडिया में बरका सयाल एक अलग मुकाम हासिल कर लेगी।
मौके पर मुख्य रूप से महाप्रबंधक ऑपरेशन बिनोद कुमार, एसओपी एके मल्लिक, सयाल परियोजना पदाधिकारी सुबोध कुमार, उरीमारी परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार, बिरसा परियोजना पदाधिकारी डी शिवादास, भुरकुण्डा परियोजना पदाधिकारी मनोज पाठक, एसओ ईएंडएम अमरेंद्र कुमार, कुमार राम भवन, एसओ एम एम संजय सिंह,
वंदना लाला, एके मेहता, श्रेयांश कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
बिरसा परियोजना से 41.98 लाख मिट्रिक टन कोयले का उत्पादन
सीसीएल बरका-सयाल प्रक्षेत्र अंतर्गत बिरसा परियोजना ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 41 लाख 98 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया। जबकि बिरसा परियोजना का उत्पादन लक्ष्य 42 लाख मीट्रिक टन था। वहीं पिछले वर्ष परियोजना का कोयला उत्पादन का लक्ष्य 34 लाख मैट्रिक टन था। जिसमें 36 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया था।
उरीमारी परियोजना ने 7 लाख के निर्धारित लक्ष्य को पार करते हुए 7 लाख 61 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया। जबकि पिछले वर्ष उरीमारी परियोजना ने 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया था।
भुरकुंडा परियोजना ने भी अपने निर्धारित लक्ष्य 3 लाख मीट्रिक टन कोयले को पार करते हुए 4 लाख 10 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया।
सयाल डी परियोजना ने भी 1 लाख मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन लक्ष्य को पार करते हुए 1 लाख 68 हजार मीट्रिक टन कोयले का उत्पादन किया।