हजारीबाग: एसएमएस कोचिंग सेंटर अलोऊंजा खुर्द, इचाक में भारत की पहली महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले जयंती मंगलवार को मनायी गई।
मौके पर कोचिंग के डारेक्टर प्रो. सुबोध कुमार दास ने कहा कि माता सावित्री बाई फुले एवं इनके पति ज्योतिबा बाई फुले ने मिलकर एक जनवरी 1848 को महिलाओं के लिए पहला स्कूल खोला, महिला सशक्तिकरण, महिला पुनर्विवाह, नारी शक्ति को बढावा दिया।
उस समय समाज में महिलाओं को नहीं पढ़ाने की प्रथा थी। लेकिन उस समाज के रूढ़िवादी प्रथा को तोड़ते हुए ज्योतिबा बाई फुले ने अपनी पत्नी को रात में 12 बजें आधी रात को पढ़ाते थे ताकि कोई रूढ़िवादी मानसिकता वाले ना देख लें। इन्हें समाज सुधारक के नाम से जाना जाता है। सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षक थीं।
अवसर पर कोचिंग सेंटर के शिक्षक बैजू मेहता, शिक्षक संजय कुमार दास, शिक्षक सोहन कुमार दास, शिक्षक नकुल कुमार दास सहित संस्थान के कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के बच्चें मुस्कान कुमारी, दिव्या कुमारी, शीतल, छाया कुमारी, काजल कुमारी, प्रेरणा, ऋषि, पूनम, सोनाक्षी, ज्योति, रूबी, नेहा आकांक्षा, सिलपा, लता, अरुण यादव, ऋतिक मेहता , हिमांशु मेहता, मूसेक अंसारी, मंटू, अभिषेक, करण सहित कई बच्चें मौजूद थे।