बड़़कागांव: बाहा परब मनाने को लेकर ग्रामीणों की बैठक पोटंगा पंचायत के तिलैया सरना स्थल में हुई। बैठक की अध्यक्षता तिलैया मांझी हड़ाम बरसा मांझी एवं संचालन जोगवा हड़ाम सहदेव मांझी ने किया।
बैठक में आगामी 9 एवं 10 मार्च को बाहा पोरोब मनाने का निर्णय लिया गया। वहीं सरना स्थल की चारदीवारी, आगामी 10-11अप्रैल को आयोजित होने वाले संथाल समाज दिशोम मांझी परगना केन्द्रीय महाधिवेशन की तैयारी एवं बच्चों के पढ़ाई लिखाई को लेकर विशेष रूप से ओलचिकी लिपी पर चर्चा किया गया।
मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता जुगल मांझी ने कहा कि बाहा परब संथाल, हो, उरांव, मुंडा एवं अन्य जनजातियों का महत्वपूर्ण पर्व है। समाज के लोग परंपरागत वस्त्र धारण कर, जाहेर थान पर पूजा करने के पश्चात मांदर के थाप पर नृत्य कर प्रकृति के प्रति आभार व खुशी व्यक्त करते हैं तथा मरांग बुरू से प्रार्थाना करते हैं कि गांव हमेशा खुशहाल रहे और किसी भी तरह का विपत्ति या बिमारी गांव में प्रवेश न करे। पहला दिन पुजा स्थल जाहेर थान में जाहेर बोंगा को नहलाने के साथ साफ सफाई किया जाता है। वहीं दूसरे दिन जाहेर थान पर सखुआ फुल, महुआ फुल चढ़ाते हुए विधिवत सिम बोंगा (मुर्गा-मुर्गी बली) पुजा जाता है। इसके उपरांत सोड़े प्रसाद स्वरूप सभी ग्रामीण ग्रहण करते हैं और हर्षोल्लास के साथ नृत्य करते हैं। गांव के लोग जब प्रसाद ग्रहण करके जाहेर थान से वापस गांव लौटते हैं। तब नायके हड़ाम के पैर धोकर उनका स्वागत किया जाता है। उसके बाद उत्सव मनाया जाता है और होली की भांति एक दूसरे पर सादे पानी डालकर पर्व मनाते हैं।
बैठक में मुख्य रूप से मांझी हड़ाम बरसा मांझी, नायके हड़ाम पच्चु मांझी, पराणिक हड़ाम हरिलाल मांझी, जोगवा हड़ाम सहदेव मांझी, गोविंद मांझी, सरोज मुर्मू, जुगल मांझी, जितेंद्र मांझी, विश्राम मांझी, उदन मांझी, सावना मुर्मू, तालु मुर्मू, विजय बेसरा, रामवृक्ष सोरेन, सावना सोरेन, संजय मुर्मू, शीला देवी, अनीता देवी, लालमति देवी, ललिता देवी, सालों देवी, नकियो देवी, सोनी प्रिया देवी, देवीश्री देवी, फूलों देवी, चांदमुनी देवी, फुलमुनी देवी, मालती देवी, सरिता देवी, उर्मिला देवी, ललिता देवी, सुषमा देवी, सोनमुनी देवी, फूलमती देवी, सविता देवी, चंपा देवी, आरती देवी, सुकुरमुनी देवी, गीता देवी, रंजीत मांझी, चारों मांझी सहित कई लोग मौजूद थे।