बड़़कागांव: बाहा परब मनाने को लेकर ग्रामीणों की बैठक हेसाबेड़ा दुर्गा मंडप में बुधवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता हेसाबेड़ा में मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू ने किया।
मौके पर मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू ने कहा कि बाहा परब संथाल, हो, उरांव, मुंडा एवं अन्य जनजातियों का महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व के अवसर पर बच्चे, पुरूष, स्त्रियां सभी परंपरागत वस्त्र धारण करते हैं, जाहेर थान पर पुजा करने के पश्चात मांदर के थाप पर नृत्य कर प्रकृति के प्रति आभार व खुशी व्यक्त करते हैं।
पहला दिन पूज्य स्थल जाहेर थान में जाहेर बोंगा को नहलाने के साथ साफ सफाई किया जाता है। वहीं दूसरे दिन जाहेर थान पर सखुआ फुल, महुआ फुल चढ़ाते हुए विधिवत सिम बोंगा (मुर्गा-मुर्गी बली) पुजा जाता है। इसके उपरांत सोड़े प्रसाद स्वरूप सभी ग्रामीण ग्रहण करते हैं और हर्षोल्लास के साथ नृत्य करते हैं। गांव के लोग जब प्रसाद ग्रहण करके जाहेर थान से वापस गांव लौटते हैं। तब नायके हड़ाम के पैर धोकर उनका स्वागत किया जाता है। उसके बाद उत्सव मनाया जाता है और होली की भांति एक दूसरे पर सादे पानी डालकर पर्व मनाते हैं।
बाहा परब मनाने के लिए 18-19 मार्च की तिथि निर्धारित की गई है। बैठक में परब का सारे कार्यक्रम का निर्धारण करते हुए ग्राम के युवाओं को विभिन्न जिम्मेवारियां सौंपी गई। प्रत्येक घर से सहयोग स्वरूप दो सौ रूपया लेने का निर्णय हुआ।
बैठक में मुख्य रूप से मांझी हड़ाम सीताराम किस्कू, नायके हड़ाम बंसीलाल पवरिया, कुडम नायके हड़ाम प्रभु बेसरा,
पराणिक हड़ाम संजीव सोरेन, जोगवा हड़ाम अजय किस्कू, कानू मरांडी, शनिचरवा मांझी, कंचन मांझी, रवि पवारिया, सुरेश किस्कू, जतरू बेसरा, पुरन टुडू, राजेंद्र किस्कू, रमेश किस्कू, लालदेव सोरेन, सिगू हेम्ब्रम, मनु टुडू, सोमरा किस्कू, प्रभु किस्कू, आनंद टुडू, विकास किस्कू, छोटू सोरेन, जीतू मुर्मू, बरियत किस्कू, मोहन मांझी, राम बेसरा, विक्की पवारिया, देवा हेम्ब्रम, अजय बेसरा, महेश मांझी, राजेश पवारिया, मनीष हेम्ब्रम, किशन किस्कू, मुकेश बेसरा सहित कई लोग मौजूद थे।