भाजपा नेता भानू प्रताप शाही ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप, राज्यपाल से हस्तक्षेप की अपील

रांची: पलामू प्रमंडल में होनेवाली प्रतियोगी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा मगही-भोजपुरी को शामिल नहीं किए जाने पर पूर्व विधायक सह भाजपा नेता भानू प्रताप शाही ने मंगलवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इस दौरान राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद और भाजपा नेता विरंची नारायण मौजूद रहे।

ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार ने पलामू में होनेवाली प्रतियोगी परीक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा मगही-भोजपुरी को शामिल नहीं कर कुड़ुख और नागपुरी को शामिल करने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है।  राज्य सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर प्रमंडलीय क्षेत्र के लोग के साथ भाषायी भेदभाव कर रही है। उनके हितों की अनदेखी कर राज्य सरकार लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद करने पर आमादा है।

ज्ञापन में भवनाथपुर के पूर्व विधायक भानू प्रताप शाही ने कहा है कि पलामू प्रमंडल में सदियों से बोलचाल और लिखने-पढ़ने की भाषा मगही-भोजपुरी रही है। यह बिहार का सीमावर्ती इलाका है और यहां हर वर्ग के लोग मगही-भोजपुरी का उपयोग करते हैं। इधर, राज्य सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में मगही-भोजपुरी को छोड़ कुडुख और नागपुरी को जोड़ दिया है। जिससे योग्य युवा परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे हैं। जिस भाषा को राज्य सरकार ने शामिल किया है, वह कभी भी यहां की बोलचाल और संपर्क की भाषा नहीं रही है। जबकि राज्य सरकार उड़िया, बांग्ला और उर्दू तक को क्षेत्रीय भाषा में जोड़ रही है।

राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप कर पलामू प्रमंडल के लोगों के हितों को देखते हुए मगही-भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने की अपील की गई है। 

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