• महावीर अखाड़ा के लोगों ने प्रेसवार्ता कर चुनाव आयोग और राज्य सरकार से मामले पर संज्ञान लेने की अपील की

• रामनवमी पर घुटुवा मैदान में अखाड़ा के कार्यक्रम में हुआ था विवाद 

रामगढ़: रामनवमी पर महावीर अखाडा़ के कार्यक्रम में विधायक अंबा प्रसाद ने सुनियोजित तरीके से विवाद उत्पन्न कराया है। सामाजिक रूप से हो रहे धार्मिक कार्यक्रम में व्यावधान पैदा करने के साथ शांति-व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद बिना आमंत्रण शामिल होकर विधायक और उनके समर्थकों ने माहौल बिगाड़ने का काम किया है। चुनाव आयोग के साथ-साथ राज्य सरकार से अपील हैं कि मामले की जांच कर कानून सम्मत कार्रवाई की जाए। यह बातें महावीर अखाड़ा घुटुवा के सदस्य हरि रत्नम ने शुक्रवार को अखाड़ा की ओर से घुटुवा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। प्रेस कांफ्रेंस में अखाड़ा के कुश श्रीवास्तव, सुदर्शन महतो, राजकुमार महतो और वार्ड सदस्य गीता देवी मौजूद रहे। 

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए हरि रत्नम ने कहा कि प्रशासन की ओर से सख्त निर्देश दिया गया था कि कार्यक्रम में किसी प्रकार का राजनैतिक मिलान नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए महावीर अखाड़ा के लोग रामनवमी जुलूस के लिए बिजली-पानी की व्यवस्था करने के साथ पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए थे। पूर्व निर्धारित रूप-रेखा के तहत कार्यक्रम का आयोजन हो रहा था।

इस बीच आचार संहिता लागू होने की जानकारी के बावजूद बिना आमंत्रण विधायक अंबा प्रसाद अचानक मंच पर पहुंच गई। बावजूद इसके उनके आगमन पर मंच से संबोधित करते हुए उनका स्वागत किया गया। पेयजल उपलब्ध कराया गया। उनके द्वारा उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन करते लोगों को सम्मानित कराए जाने की घोषणा भी की गई। लेकिन विधायक एकाएक  संबोधन के लिए आतुर हो उठी। उनके कथित बाउंसर ने सीधे मंच संचालक से बलपूर्वक माइक छीन लिया और कार्यक्रम में विवाद खड़ा कर दिया। यह सब पुलिस और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में हुआ। हालांकि पुलिस और सामाज के प्रबुद्ध लोगों के हस्तक्षेप पर विवाद तुरंत शांत भी हो गया।

हरि रत्नम ने आगे कहा कि कार्यक्रम संपन्न कराने के उपरांत हमलोग कार्यक्रम संपन्न होने की जानकारी देने बरकाकाना ओपी पहुंचे। जहां विधायक बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ हो हंगामा कर रही थी। इस दौरान पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में विधायक के समर्थकों ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने करने की धमकी भी दी। धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाली बातें भी कही गई। वहीं विधायक ने अपने निजी अंगरक्षक से ओपी में झूठा आवेदन दिलवाया ।

प्रेसवार्ता में आगे हरि रत्नम ने कहा कि एक दल विशेष के समर्थक विधायक से धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार का भ्रम फैलाकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।  ऐसे ही कुछेक लोग आज हमें असामाजिक कह रहे हैं, जबकि आज तक यही लोग खुद अपने सामाजिक कार्यक्रमों में हमें आमंत्रित करते रहे हैं और सम्मानित भी करते रहे हैं। ये लोग बताएं कि विधायक से वाकई धक्का-मुक्की या दुर्व्यवहार किया गया तो उन्होंने खुद आवेदन देकर प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज कराई।

उन्होंने कहा कि 42 वर्षों से महावीर अखाड़ा के माध्यम से क्षेत्र के सामाजिक लोग शांतिपूर्वक आयोजन करते आ रहे हैं। कार्यक्रम का कभी भी राजनीतिकरण नहीं होने दिया गया। पहले कभी विवाद नहीं हुआ। जबकि विधायक और विवाद का चोली-दामन का साथ है। उनकी मानसिक ही सनातन हिंदू विरोधी है। इससे पूर्व 2018 में भुरकुंडा के रामनवमी मैदान में विधायक ने पहुंचकर विवाद उत्पन्न किया और प्राथमिकी भी दर्ज कराने का काम किया। विगत दिनों भुरकुंडा में यज्ञ के दौरान एक यजमान से भी विधायक की बहसबाजी हुई थी।

प्रेसवार्ता में मौजूद वार्ड सदस्य गीता देवी ने कहा कि कार्यक्रम में विधायक से बार बार आग्रह किया जा रहा था। कार्यक्रम निर्धारित रूप से चल रहा था। इसके बावजूद वो मंच से संबोधन करने के लिए अड़ गई। इस बीच उनके एक निजी बॉडीगार्ड ने मंच संचालक से माइक छीन लिया। जिसपर विवाद हुआ। विधायक को ऐसा नहीं करना चाहिए था। किसी भी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में इस प्रकार व्यावधान  पहुंचाना सही नहीं ।

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