सहिया के अभाव में भुरकुंडा पंचायत की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित
रामगढ़: पतरातू प्रखंड के भुरकुंडा पंचायत में आज तक एक भी सहिया का चयन नहीं हो सका है। जिससे पंचायत में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। लोग मुखिया सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों से लगातार शिकायत करते आ रहे हैं। बावजूद इसके न कहीं से कोई पहल हो रही है और न ही प्रशासनिक अधिकारी सुध ले रहें है।
वर्ष 2007 से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत लगभग 650 लोगों की आबादी पर सहिया का चयन किया जाता है। इधर, वर्ष 2011 से पंचायती राज बहाल होने के बावजूद भुरकुंडा पंचायत में एक भी सहिया का चयन नहीं किया जा सका है।
भुरकुंडा की बड़ी आबादी न सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं, बल्कि अनेकों बिमारियों के लेकर चलाये जाते सरकारी अभियान भी प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों का टीकाकरण, सरकारी दवाओं का वितरण, गर्भवती और धात्री महिलाओं की देखभाल सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। ऐसे पंचायत के हजारों निर्धन परिवार स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंंद्र में नि:शुल्क सेवा लेने की बजाय प्राइवेट क्लीनिक और नीम-हकीम के चक्कर में फंसकर परेशानी झेल रहे हैं।
मामले में मुखिया अजय पासवान से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि भुरकुंडा में आज तक एक भी सहिया बहाल हो सकी है। सहिया का चुनाव अब तक नहीं कराया जा सका है पंचायत के लोग लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं के लाभ वंचित हैं। मामले को लेकर पतरातू प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर रामगढ़ उपायुक्त से भी सहिया का चुनाव कराने की अपील की गई है। बीते 27 सितंबर को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंंद्र पतरातू के द्वारा सहिया चुनाव को लेकर सिविल सर्जन रामगढ़ को पत्र देकर चुनाव कराने की अनुमति मांगी गई थी। मामले में कहीं से कोई सुगबुगाहट होती नहीं दिख रही है।