पलामू: जिले की पहली नाट्य निर्देशिका अनुराधा मोइत्रा का कोलकाता में निधन हो गया। वे 79 वर्ष की थी और काफी समय से बीमार भी चल रही थी। कोलकाता में उनका इलाज चर रहा था। सोमवार की देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। वे पलामू के बेलवाटिका की रहनेवाली थीं।
बताया जाता है कि अनुराधा मोइत्रा को पलामू की पहली नाट्य निर्देशक माना जाता है। दुर्गा बाड़ी के मंच पर उन्होंने सबसे पहले “झाला पाला” नाटक से निर्देशन की बागडोर संभाली और अगले तीन दशकों तक दुर्गा बाड़ी में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका निभाती रहीं। रंगकर्मी उन्हें आदरपूर्वक ‘बोउ मां’ कहकर संबोधित करते थे। उनके निधन से पलामू के बंगाली समाज और कलाकारों में शोक व्याप्त है। बंगाली समिति के अध्यक्ष प्रभाष रंजन दासगुप्ता ने कहा कि उनके निधन से रंगमंच के लिए अपूरणीय क्षति है। वे रंगमंच के कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत थीं।
अनुराधा मोइत्रा के निधन पर शोक व्यक्त करनेवालों में
द्विवेंदु गुप्ता, सैकत चटर्जी, देवाशीष सेनगुप्ता, सौभिक दत्ता, अरुण राय, संजीत दासगुप्ता, प्रमोद दासगुप्ता, शुभंकर चक्रवर्त्ती, गौतम घोष, आशीष दासगुप्ता, अमिताभ राय, मधुमिता घोष, प्रियंकर बागची, प्रसेनजीत, अर्पिता, अशोक चक्रवर्ती सहित कई शामिल हैं।