रांंची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को झारखंड पहुंचीं। रांंची एयरपोर्ट पर राज्यपाल सी.पी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुके और प्रतीक चिन्ह देकर उनका अभिनंदन किया।
अपने झारखंड दौरे के क्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मनातू स्थित झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित “तृतीय दीक्षांत समारोह” में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं। समारोह में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चंपई सोरेन और केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जे.पी. लाल, विश्वविद्यालय के कुलपति क्षितिज भूषण दास सहित कई गणमान्य मौजूद रहे। अवसर पर स्नातकों, परास्नातकों और शोधार्थियों को चांसलर मेडल, गोल्ड मेडल और पीएचडी की उपाधि दी गई।
समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि युवा ही देश के सबसे बड़े संसाधन है। युवाओं के प्रयास से ही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। 2047 तक विकसित और समृद्ध भारत का लक्ष्य का है। जिसे प्राप्त करने में युवाओं की भागीदारी अहम होगी। शिक्षित युवा अपने जीवन के साथ-साथ देश और समाज निर्माण में योगदान दें।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप चुनौतियों से भरे विश्व में प्रवेश कर रहे हैं। आज संकल्प लें कि जहां भी काम करेंगे, एक समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करेंगे, एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए काम करेंगे जहां सद्भाव हो, जहां प्रत्येक व्यक्ति का जीवन गौरवपूर्ण हो। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे हमेशा ध्यान रखें कि उनके काम से पिछड़े या वंचित वर्गों के लोगों को लाभ होगा या नहीं।
वहीं राष्ट्रपति ने कहा कि वह जब भी झारखंड आती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे वह अपने घर लौट आई हैं। झारखंड के लोगों के साथ, विशेषकर जनजातीय भाइयों और बहनों के साथ उनका विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि जनजातीय जीवन शैली में कई परंपराएं हैं जो अन्य लोगों और समुदायों के जीवन को बेहतर बना सकती हैं